मसूरी :- भारी विरोध के बाद सिफन कोर्ट मसूरी से अवैघ कब्जा हटाया गया।

सिटी अपडेट

भारी विरोध के बाद सिफन कोर्ट से अवैघ कब्जा हटाया गया।
1.कुछ कब्जाधारियों को छोड़ा गया जिन्होंने 15 दिन में कब्जा हटाने का लिखित पत्र प्रशासन को सौंपा।
2.भारी विरोध के बाद कब्जा हटाने की कार्यवाही शुरू
3.नगर पालिका ने विगत वर्ष 2018 में कब्जा हटाने को नोटिस दिया था जिस पर बस्ती वालों ने हाई कोर्ट में याचिका डाली थी जो 17 अगस्त को खारिज हो गई उसके बाद प्रशासन ने कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू
4.सभासद गीता कुमांई ने करीब तीन घंटे तक विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बहस की कि
5.पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ने गांधी चैक पर धरना दे दिया
मसूरी। लाइब्रेरी स्थित सिफन कोर्ट में रोपवे को लेकर पालिका की भूमि पर अवैध कब्जा धारियों को हाई कोर्ट में डाली गई याचिका के खारिज होने के बाद प्रशासन ने भारी विरोध के बाद कब्जा हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी। जिसमें केवल उन कब्जाधारियों को छोड़ा गया जिन्होंने 15 दिन में कब्जा हटाने का लिखित पत्र प्रशासन को सौंपा।
लाइब्रेरी में पुरूकुल से मसूरी रोपवे की महत्वकांक्षी योजना को धरातल पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है। जिसके तहत लाइब्रेरी स्थित सिफन कोर्ट में अवैध रूप से रह रहे करीब 84 परिवारों को हटाने के लिए नगर पालिका ने विगत वर्ष 2018 में कब्जा हटाने को नोटिस दिया था जिस पर बस्ती वालों ने हाई कोर्ट में याचिका डाली थी जो 17 अगस्त को खारिज हो गई उसके बाद प्रशासन ने कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की व कब्जाधारियों को हटाने के लिए प्रशासन ने जिलाधिकारी के आदेश पर भारी पुलिस बल के साथ कब्जा हटाने को टीम भेजी जिसका भारी विरोध किया गया। सूचना मिलने पर विधायक गणेश जोशी ने प्रातः ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की व कब्जाधारियों को 10 सितंबर तक का समय दिलाया व मसूरी आकर जनता को समझाने का प्रयास किया। वहीं पालिका सभासद गीता कुमांई ने करीब तीन घंटे तक विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बहस की कि उन्हें और समय दिया जाय, जिस पर विधायक गणेश जोशी ने कहा कि 10 सितंबर तक का समय कब्जा खाली करने का समय बड़ी मिन्नत के बाद मुख्यमंत्री ने दिया है और पूरी कोशिश होगी कि कब्जाधारियों को विस्थापित किया जायेगा। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं होगा। मौके पर मौजूद एडीएम अरविंद पांडे ने भी कब्जा धारियों को समझाने का प्रयास किया व कहा कि जो कब्जाधारी 10 सितंबर तक के समय में कब्जा खाली कराने के पत्र पर साइन करेगा उनका कब्जा नही ंहटाया जायेगा लेकिन जो नहीं करेगा उसका कब्जा हटाया जायेगा। करीब तीन घंटे प्रतीक्षा करने के बाद प्रशासन ने कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। जिसके बाद कई कब्जाधारियों ने पत्र पर साइन किए व 15 दिनों में कब्जा हटाने की सहमति दी जिस पर प्रशासन ने उनके कब्जे को छोड़ दिया बाकी पर कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ने गांधी चैक पर धरना दे दिया उनका कहना था कि उन्हें कब्जाधारियांे से मिलने नहीं दिया गया, लेकिन प्रशासन व सत्तारूढ दल के नेता गरीबों को हटाने की जबरन कार्रवाई कर रहे हैं। जबकि पालिका सभासद गीता कुमाई ने करीब तीन घंटे तक कार्रवाई रोकने का प्रयास किया, व कहा कि उन्हें समय दिया जाय। इस मौके पर जिन कब्जाधारियों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये उनके कब्जे नहीं हटाये गये बाकी जिन्होंने साइन नहीं किए उनके कब्जे हटाने का कार्य भारी पुलिस बल के बीच शुरू कर दिया गया। इस मौके पर विधायक गणेश जोशी ने कहा कि कहा कि गत वर्ष जनवरी में खाली कराने का आदेश दिया गया था तब भी उन्होनें इसे रोका व कब्जाधारियों को विस्थापित करने का प्रयास किया लेकिन उसके बाद किसी ने संपर्क नही किया जिसके बाद कुछ नेताओं ने नेतागिरी चकमाने का प्रयास किया व यहां रह रहे लोगों को गुमराह किया व हाई कोर्ट चले गये अब हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद कब्जा हटाने के प्रशासन के निर्णय पर उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की व खुद मसूरी आये व लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई मानने का तैयार नहीं है, और हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जा नहीं सकते जबकि उन्हंे विश्वास दिलाया गया कि 15 दिन में उनके विस्थापन की व्यवस्था की जायेगी। लेकिन नेतागिरी के कारण व कब्जाधारियों को गुमराह करने के चलते कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा मसूरी में रोपवे आ रही है जिसका लाभ भी मसूरी वालों को मिलेगा जिसका बनना भी जरूरी है। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने भी लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई सुनने को तैयार नही था। एडीएम अरविंद पांडे ने कहा कि हाई कोर्ट में याचिका के खारिज होने के बाद उन्हें कब्जा हटाने के निर्देश मिले है लेकिन प्रशासन भी संवेदनशील है, कब्जाधारियों को समझाने का प्रयास किया गया व जिन लोगों ने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए उन्हें दस दिन का समय दिया गया है और जिन्होंने नहीं दिया उनके कब्जे का हटाया जा रहा है। इस मौके पर एसडीएम मसूरी मनीष कुमार, एसडीएम सदर गोपाल राम बिनवाल, सहित एसपी सिटी श्वेता चैबे सीओ नरेंद्र पंत, ईओ नगर पालिका आशुतोष सती, एमएल शाह सहित भारी पुलिस बल व स्वास्थ्य विभाग, नगरपालिका, जल संस्थान वि़द्युत विभाग, पर्यटन विभाग, आदि मौजूद रहा।

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