उत्तराखंड में डेंगू से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं

उत्तराखण्ड

डेंगू को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजधानी डेंगू की चपेट में है। डेंगू से दून में जाने-माने चिकित्सक की मौत हो गई, लेकिन प्रदेश सरकार की नींद नहीं टूट रही है। डेंगू से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। लगता यही है कि पूरी भाजपा सरकार को डेंगू हो चुका है।

बीटीगंज स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. सत्यवती सिन्हा के परिजनों को सम्मानित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया है, वह बेहद बचकाना है। पूरे प्रदेश में सरकार ने डेंगू से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए हैं।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहर के विभिन्न जगहों पर पहुंचकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। इस दौरान विधायक ममता राकेश, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. रकम सिंह, राजपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

नए मोटर व्हीकल एक्ट पर ली चुटकी

नए मोटर व्हीकल एक्ट पर चुटकी लेते हुए हरीश रावत ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है। यह कोई तरीका नहीं है कि लोगों पर भारी भरकम जुर्माना लगाकर उनको प्रताड़ित किया जाए। पहले सरकार को कानून के बारे में बताना चाहिए था। आज जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक इस कानून का विरोध कर रहे हैं।

पूरी तरह मजबूती के साथ खड़ा है विपक्ष 

एक सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से मजूबती के साथ सरकार के गलत फैसलों का विरोध कर रहा है। विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सीबीआइ, ईडी, आयकर आदि एजेंसियों का सहारा लिया जा रहा है। मोदी अपने विरोधियों को जेल पहुंचाने का काम कर रहे हैं। बदले की भावना से यह कार्रवाई की जा रही है।

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