पहली बार भारत का एक दल एवरेस्ट शृंखला में शामिल चार चोटियों का एक साथ आरोहण करेगा।

उत्तराखण्ड
पहली बार भारतीय दल एक साथ एवरेस्ट की चार श्रृंखला का करेगा आरोहण

विश्व में पहली बार भारत का एक दल एवरेस्ट शृंखला में शामिल चार चोटियों का एक साथ आरोहण करेगा। इस बड़े अभियान की जिम्मेदारी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी पर है।

देहरादून युवा शक्ति और पर्वतारोहण के इतिहास में 2020 का साल भारत के लिए खास होने वाला है। विश्व में पहली बार भारत का एक दल एवरेस्ट शृंखला में शामिल चार चोटियों का एक साथ आरोहण करेगा। केंद्र सरकार ने इस बड़े अभियान की जिम्मेदारी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी को सौंपी है।

इंडियन एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन नाम के इस अभियान का नेतृत्व निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट करेंगे। निम उत्तरकाशी (उत्तराखंड) और जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोट्र्स (जिम) पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में अभियान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

भारत सरकार के युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय और इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन की ओर से युवा शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए यह पहल की गई है। इंडियन एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन-2020 अभियान के टीम लीडर एवं निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट कहते हैं कि इस अभियान के लिए देशभर से आवेदन मांगे गए।

प्राप्त एक हजार आवेदनों की जांच के बाद सौ युवक-युवतियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। प्रशिक्षण 10 जून से शुरू हो चुका है। इसमें 50 युवक-युवतियां निम के प्रशिक्षण क्षेत्र डोकराणी ग्लेशियर क्षेत्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं। जो प्रशिक्षण के समापन पर समुद्रतल से 18600 फीट ऊंचे द्रोपदी का डांडा (डीकेडी) का आरोहण करेंगे। जबकि, 50 युवक-युवतियां (जिम) पहलगाम में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वे सितंबर में सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए जाएगा।

कर्नल बिष्ट ने बताया कि दिसंबर में सभी चयनित युवक-युवतियों को लेह के खार्दूंगा ला में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद इन सौ युवक-युवतियों में से 30-32 सर्वश्रेष्ठ छात्रों का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर होगा, जब एवरेस्ट शृंखला में शामिल चार चोटियों के एक साथ आरोहण के लिए कोई एक टीम जाएगी। इंडियन एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन-2020 का यह अभियान अप्रैल और मई में आयोजित होगा।

एवरेस्ट शृंखला की चार चोटियां  

एवरेस्ट शृंखला में माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) के अलावा माउंट ल्होत्से (8,516 मीटर), माउंट नुपत्से (7,861 मीटर), माउंट पुमोरी (7,161 मीटर) चोटी शामिल हैं। एवरेस्ट के बेस कैंप से इन चारों चोटियों के लिए अलग-अलग रास्ता जाता है।

निम के नाम उपलब्धियों का पहाड़

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही दिए हैं। इनमें एवरेस्ट फतेह करने वाली भारतीय महिला सुश्री बछेंद्री पाल, संतोष यादव, डॉ. हर्षवंती बिष्ट, कृष्णा पाटिल, सुमन कुटियाल, सरला नेगी, अरुणिमा सिन्हा, जुड़वां बहनें नुंग्शी व ताशी और पूनम राणा जैसे कई प्रख्यात पर्वतारोही शामिल हैं।

यही नहीं, निम एवरेस्ट और शीशा पांग्मा समेत तीन दर्जन से अधिक चोटियों पर तिरंगा फहरा चुका है। इस संस्थान में चलने वाले एडवेंचर, बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू और मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन कोर्स सहित कई स्पेशल, रॉक क्लाइंबिंग और स्कीइंग कोर्स में करीब 30 हजार देशी-विदेशी पर्वतारोही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। वहीं, सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला यह एशिया का इकलौता संस्थान है।

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