बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय

उत्तराखण्ड

इस यात्रा वर्ष विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार आठ मई को प्रात: 6 बजकर 15 मिनट में खुलेंगे। जबकि गाडू घड़ा (तेलकलश यात्रा) की तिथि 22 अप्रैल शुक्रवार है। नरेंद्र नगर (टिहरी) स्थित राजमहल में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सादे धार्मिक समारोह में पूजा अर्चना तथा पंचाग गणना पश्चात राज परिवार, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की उपस्थिति में धर्माचार्यों द्वारा पंचाग गणना के पश्चात श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की गयी। कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकाल मानकों का पालन किया गया। उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होते ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियां शुरू हो गई है।

जानिए कब तय होती है कपाट खुलन और बंद होने की तिथि

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने और बंद होने की एक विशेष प्रकिया है। बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी पर टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में तय होती है। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट होने की तिथि विजयादशमी पर्व पर पूजा-अर्चना व पंचांग गणना के बाद तय की जाती है।

20 नवंबर को बंद हुए थे बदरीनाथ धाम के कपाट

बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट बीते वर्ष 20 नवंबर को विधि-विधानपूर्वक शीतकाल के लिए बंद कर दिए थे। कपाट बंद होने के अवसर पर रिकार्ड 4366 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम में मौजूद रहे। इस दौरान भगवान बदरी नारायण के दर्शन योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में होते रहे।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया

उत्‍तराखंड के चमोली जनपद में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया पंच पूजाओं के साथ शुरू होती है। पहले दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं। इसके बाद धाम में स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं। भगवान को माणा गांव के महिला मंडल द्वारा शीतकाल के लिए कपाट बंद होने के दौरान घृत कंबल औढाया जाता है।

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