अरविंद केजरीवाल ने गेस्ट हाउस में दो घंटे तक पार्टी के पदाधिकारियों के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर की चर्चा

उत्तराखण्ड

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजापुर गेस्ट हाउस में दो घंटे तक पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान विकासनगर की पूर्व ब्लाक प्रमुख ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप का दामन थामा।

केजरीवाल जौलीग्रांट एयरपोर्ट से सीधा बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां उन्होने एक बजे से पौने तीन बजे तक पार्टी पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक की। इसके बाद उन्होंने पदाधिकारियों के साथ लंच भी किया। बीजापुर में केजरीवाल के साथ आप प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया, आप वरिष्ठ नेता कर्नल अजय कोठियाल मौजूद रहे। पहले केजरीवाल ने इन दोनों नेताओं के साथ बैठक की। कुछ ही देर बाद आप प्रदेश सह प्रभारी राजीव चौधरी व प्रवीण कुमार बीजापुर पहुंचे। इनके बाद आप कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष दीपक बाली व उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत भी बीजापुर पहुंचे।

केजरीवाल ने बंद कमरे में इनके साथ बैठक कर आगामी चुनाव पर चर्चा की। सभी विधानसभाओं के लिए अलग-अलग मेनिफेस्टो बनाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा हाल ही में आप छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए आप के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रहे अनंतराम चौहान के पार्टी छोड़ने पर भी चर्चा हुई। इस दौरान अरविंद केजरीवाल के से मिलने के लिए कार्यकर्त्ताओं का तांता बीजापुर गेस्ट हाउस में लगा रहा। हालांकि, समय की कमी के चलते केजरीवाल शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा अन्य किसी से नहीं मिले। दोपहर पौने तीन बजे केजरीवाल बीजापुर से परेड ग्राउंड के लिए रवाना हो गए।

पूर्व सैनिकों, राज्य आंदोलनकारियों ने केजरीवाल को किया सम्मानित

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के परेड ग्राउंड में नव परिवर्तन सभा के मंच पर पहुंचते ही उनके सम्मान के लिए पूर्व सैनिक, राज्य आंदोलनकारी समेत पदाधिकारी उमड़ पड़े। इस दौरान पहाड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिलोक सिंह ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पहाड़ी पार्टी का आम आदमी पार्टी में विलय किया। मंच पर पहुंचते ही आप कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष दीपक बाली ने अरविंद केजरीवाल का स्वागत किया। इसके बाद पूर्व सैनिकों व राज्य आंदोलनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अरविंद केजरीवाल को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके बाद कैप्टन पान सिंह, जगमोहन सिंह, हवलदार दीन दयाल सिंह व हवलदार बीर सिंह को उनके शौर्य के लिए सम्मानित किया गया।

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