राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक ओमकार सिंह समेत 59 प्रशिक्षु व दो प्रोफेसर को क्वारंटाइन से छूट मिली

उत्तराखण्ड

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) के साथ दून के लिए भी राहत की खबर है। कोरोना से संक्रमित हुए अकादमी के दो प्रशिक्षुओं को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि तीसरे प्रशिक्षु का अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, स्पेन, फिनलैंड व रूस से लौटने के बाद अकादमी के निदेशक ओमकार सिंह समेत 59 प्रशिक्षु व दो प्रोफेसर को भी क्वारंटाइन से छूट मिल गई है। निदेशक व प्रोफेसर जब कई दिनों एकांत में बिताने के बाद अपने परिवार से मिले तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं दिखा।

आइजीएनएफए के निदेशक ओमकार सिंह ने बताया कि वह रूस गए प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ थे। प्रोफेसर निधि श्रीवास्तव स्पेन के दल व प्रोफेसर गंगा सिंह फिनलैंड गए दल के साथ शामिल थे। सिर्फ स्पेन के दल में तीन प्रशिक्षुओं में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया था। फिर भी विदेश से लौटे सदस्यों ने 15 से 19 दिन का क्वारंटाइन पूरा कर लिया। यह राहत की बात है कि विदेश गए सभी लोग अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।

निदेशक ने बताया कि कई दिनों क्वारंटाइन के रूप में एकांत में रहना आसान काम नहीं, मगर स्वयं, परिवार व समाज की सुरक्षा के आगे यह कुछ भी नहीं। उन्होंने बताया कि जब वह घर लौटे तो पत्नी, बेटे, बेटी व भाई ने उनका स्वागत किया। क्वारंटाइन अवधि में निदेशक ने खुद को संयमित रखने के लिए योग व प्राणायाम किया।

इसके अलावा उन्होंने ऑनलाइन भी ऑफिस के काम निपटाए। इसी तरह दोनों प्रोफेसर व प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी एकांतवास में ऑनलाइन गतिविधियां जारी रखी। कुछ प्रशिक्षुओं ने इस दौरान विभिन्न भाषाओं को सीखने का प्रयास किया।

प्रशिक्षुओं की ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरू 

आइजीएनएफए निदेशक ओमकार सिंह व अपर निदेशक एसके अवस्थी ने बताया कि 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन को देखते प्रशिक्षु आइएफएस अधिकारियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू कर दिए हैं। अलग-अलग कोर्स निदेशकों ने सामग्री भी जारी करना शुरू कर दिया है।

संकट में मिली सीख रखेंगे जारी

अकादमी के अपर निदेशक अवस्थी ने बताया कि प्रशिक्षण बंद हो जाने के बाद ऑनलाइन माध्यम से इसे जारी रखने का निर्णय लिया गया। मगर, अब इसे भविष्य में भी जारी रखने की कवायद चल रही है। यह ऐसा माध्यम है, जिसमें समय व दूरी की कोई बाध्यता नहीं है।

घरों में क्वारंटाइन लोग न वीडियो कॉल उठा रहे, न कॉल

बाहर से आए जिन लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए घर में ही क्वारंटाइन रहने को कहा गया है, वह स्वास्थ्य विभाग को सहयोग नहीं कर रहे। उनके स्वास्थ्य का अपडेट लेने के लिए जब उन्हें वीडियो कॉल या सामान्य कॉल की जा रही है तो वह उसे रिसीव ही नहीं कर रहे। ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारी इस बात से भी चिंतित हैं कि कहीं ये लोग बाहर तो नहीं घूम रहे।

दून में इस समय 500 से अधिक लोगों को घर में क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई है। वहीं, ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जो स्वास्थ्य विभाग को सहयोग नहीं कर रहे। इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को हाल बयां किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने तत्काल आदेश जारी किए कि जो भी व्यक्ति होम क्वारंटाइन में अपनी स्थिति नहीं बता रहे, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जिलाधिकारी ने ऐसे लोगों को जबरन संस्थागत क्वारंटाइन करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही उन्होंने अपील की कि समाज की सुरक्षा के लिए सभी होम क्वारंटाइन लोग स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें। उधर, उत्तरकाशी में होम क्वारंटाइन का पालन न करने वाले पांच युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जब टीम उनके घर पहुंची तो वह घर पर नहीं मिले। वहीं, रुद्रप्रयाग जिले में होम क्वारंटाइन का पालन न करने पर 15 लोगों का चालान किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *