उत्तराखंड के नगर निगमों को मिले पांच करोड़ तक के अधिकार

national

उत्तराखंड के नगर निगमों को मिले पांच करोड़ तक के अधिकार

राज्य के नगर निगमों को पांच करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार मिल गए हैं। शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

देहरादून,। राज्य के नगर निगमों को पांच करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार मिल गए हैं। शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। नगर आयुक्त की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी अब नगर निगम में ही योजनाओं का परीक्षण कर स्वीकृति देगी। इसके लिए स्वीकृति को शासन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

सरकार ने कैबिनेट में नगर निगमों के विकास के लिए अधिकारी बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसी के तहत सरकार ने नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति, नगर निगम बोर्ड के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि की। शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए कहा कि नगर निगमों के पास केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और स्वयं की आय की धनराशि के कार्यो को स्वीकृत करने का अब पूरा अधिकार होगा।

सचिव शहरी विकास अरविंद सिंह ह्यांकी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि पूर्व में एक करोड़ से पांच करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति प्रमुख सचिव, सचिव स्तर पर गठित विभागीय समिति करती थी। मगर, अब नगर आयुक्त के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय नगर निगम की समिति इन कार्यो को स्वीकृति देगी।

हालांकि विभाग ने इसके लिए कुछ शर्ते तय की हैं। इन शर्तो का पालन करते हुए यह अधिकार नगर निगम को दिए गए हैं। समिति में ये लोग शामिल शहरी विकास मंत्रालय ने समिति में नगर आयुक्त को अध्यक्ष, नगर निगम का वित्त अधिकारी, जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी जिसे नियोजन की जानकारी हो, कार्यदायी संस्था का सहायक अभियंता स्तर से ऊपर, कार्य की प्रकृति से संबंधित अधिकारी जिसे नगर आयुक्त उचित समझें को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

पांच करोड़ के ऊपर लेनी होगी अनुमति 

शहर विकास विभाग ने कहा कि पांच करोड़ से अधिक की योजनाओं के लिए शासन के वित्त विभाग के नियमों के अनुसार अलग से अनुमति लेनी होगी। यह प्रस्ताव वित्त व्यय समिति के अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही स्वीकृत माने जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *