गर्भवती महिला को बिना चेकअप किया रेफर,

उत्तराखण्ड

चम्पावत : पाटी ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम साल-टाड निवासी एक गर्भवती महिला को सोमवार प्रसव पीड़ा उठने पर उसे पीएचसी पाटी ले जाया गया। जहां पहुंचने पर महिला को सीएचसी लोहाघाट तथा लोहाघाट से जिला चिकित्सालय व जिला चिकित्सालय से पिथौरागढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। पिथौरागढ़ में महिला ने समान्य प्रसव से जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। इस बीच न तो महिला का अल्ट्रा साउंड किया और न ही भर्ती किया गया।

पाटी ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम साल टांड निवासी गर्भवती भावना देवी (20) को सोमवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद भावना को उसकी जेठानी मंजू करीब दस बजे 70 किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाटी ले आई। जहां सुविधाएं नहीं होने का हवाला देकर डॉक्टरों ने भावना को लोहाघाट रेफर कर दिया। करीब दोपहर दो बजे दोनों लोहाघाट पहुंचे। जहां डॉक्टर ने महिला को जिला अस्पताल भेज दिया। उसके बाद भावना की जेठानी उसे जिला चिकित्सालय लाई, लेकिन यहां भी डॉक्टर ने गंभीर मामला बताते हुए महिला को सिजेरियन की सुविधा वाले चिकित्सालय में जाने को कह दिया। इस दौरान महिला का न तो अल्ट्रासाउंड हुआ और न ही उसे भर्ती किया गया। अंत में भावना और मंजू शाम सात बजे पिथौरागढ़ महिला अस्पताल को चले गए। जहा रात्रि साढ़े दस बजे भावना ने सामान्य प्रसव को बाद जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। महिला की नहीं हुई थी कोई जांचें

महिला दूरस्थ क्षेत्र की होने ओर जानकारी का अभाव होने के चलते उसने नौ महीने में कोई जांच नहीं कराई। न ही कोई अल्ट्रासाउंड हुआ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र में नियुक्त आशा का महिला को कोई लाभ नहीं मिला। यहा तक कि भावना को नौ माह में एक टीका तक नहीं लगा है।

कोई भी गंभीर केस सीधे हायर सेंटर रेफर करें

प्रभारी सीएमओ डॉ. आरके जोशी ने बताया सभी मेडिकल सुपरवाइजर लोहाघाट, बाराकोट व पाटी को निर्देश दे दिए गए हैं कि कोई भी ऐसा केस जो गाइनोकोलोजिस्ट से संबंधित है उसे सीएचसी या जिला चिकित्सालय रेफर करने की बजाय सीधे हायर सेंटर रेफर करें। ताकि मरीज को परेशानी का सामना न करना पड़े।

सीएचसी लोहाघाट पहुंचने पर महिला को डॉ. चित्रलेखा ने ऐसे अस्पताल में जाने को कहा जहां गाइनोकोलोजिस्ट उपलब्ध हो, क्योंकि महिला का पहला बच्चा था और न कोई टीका लगा था न ही पूर्व में कोई जांचे हुई थी। महिला का बॉडी स्ट्रक्चर भी छोटा था। सिजेरियन सुविधा उपलब्ध न होने की दशा में महिला को रेफर किया गया। – – डॉ. आरके जोशी, सीएमएस जिला चिकित्सालय।  भावना को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने लोहाघाट भेज दिया। वहां से भी बिना देख चम्पावत को भेज दिया और चम्पावत से पिथौरागढ़ भेज दिया। बार-बार एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाने में काफी परेशानी हुई। – मंजू, भावना की जेठानी।

भावना के पति के प्रदेश से बाहर होने और घर में किसी पुरुष के नहीं होने के कारण भावना को जेठानी मंजू करीब दस भावना को पीएचसी ले गई। सुविधाएं न होने का हवाला देकर डॉक्टरों ने भावना को रेफर कर दिया। इस तरह गरीबों को बार-बार रेफर करना सही नहीं है। – जय दत्त जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता पाटी।

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