उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार नगर निगम ने ऐसा आदेश जारी किया; बुलडोजर तक की करनी है भरपाई

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार किसी नगर निगम ने ऐसा आदेश जारी किया है कि सरकारी कर्मचारी और सरकारी संपत्ति पर हमला करने से पहले उपद्रवी अब सौ बार सोचेंगे। बीते गुरुवार को बनभूलपुरा में हुए बवाल में हल्द्वानी नगर निगम के वाहनों को उपद्रवियों ने पहले पत्थरों की बौछार से क्षतिग्रस्त किया।

आठ फरवरी की दोपहर पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम मलिक के बगीचे में सरकारी भूमि पर बनाए गए अवैध मदरसे और नमाजस्थल को तोड़ने के लिए पहुंची थी। कार्रवाई से पहले विरोध शुरू हो गया। इसके बाद चारों तरफ से पथराव होने लगा। अधिकारियों से लेकर अभियान में जुटी टीम भी घायल हुई।

वाहन तक क्षतिग्रस्त हुए। इसके बाद अंधेरा होते ही उपद्रवियों की संख्या में भारी इजाफा हो गया। लगातार समझाने के बावजूद इन्होंने वाहनों में तोड़फोड़ संग आग लगानी शुरू कर दी। पथराव और आगजनी में पुलिस, प्रशासन और निगम वाहनों के अलावा पत्रकारों की गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं।

नगर निगम ने अपने 15 वाहनों के नुकसान का आकलन करने के बाद सोमवार को 2.44 करोड़ रुपये का नोटिस अब्दुल मलिक के नाम तैयार कर लिया। इसमें बोलेरो, बुलडोजर, ट्रैक्टर-ट्राली संग कूड़ा एकत्र करने वाली गाड़ियां भी शामिल है। अब सारा पैसा मलिक से वसूला जाएगा।

फावड़े और गैंती की वसूली भी

नगर निगम ने जो सूची तैयार की है उसमें घन, सब्बल, गैंती, फावड़े और हेलमेट भी शामिल हैं। 13 वाहन निगम के खुद के थे, जबकि दो किराये की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। वाहन की स्थिति के हिसाब से पैसे जोड़े गए हैं।

धामी ने कहा था….पाई-पाई वसूली जाएगी

बनभूलपुरा की घटना के बाद हर स्थिति पर सरकार नजर रखे हुए हैं। सीएम धामी ने स्पष्ट कहा था कि देवभूमि में ऐसी अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारी नुकसान की पाई-पाई वसूली जाएगी। सीएम के निर्देश धरातल पर नजर आना शुरू हो चुके हैं। दूसरी तरफ उपद्रवियों से उन्हीं की भाषा में निपटने का सिलसिला भी जारी है।

क्षतिग्रस्त वाहन निकाले

नगर निगम की टीम सोमवार को कर्फ्यूग्रस्त इलाके बनभूलपुरा पहुंची थी, जिसके बाद क्रेन की मदद से गाड़ियों को तंग गलियों से बाहर खींचा गया। इसके बाद बड़े वाहन में लादकर निगम लाया गया। सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि कुछ वाहन अभी बचे हैं

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