खंडहर होने की कगार पर पांच करोड़ का ढांचा, यह है कारण

उत्तराखण्ड

ऋषिकेश। उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के दर्शन पर्यटकों को एक ही छत के नीचे कराने के उद्देश्य से ऋषिकेश में तैयार किया जा रहा हिमालय म्यूजियम बजट के अभाव में लटका है। इससे पूर्व के बजट में खड़ा ढांचा खराब होना शुरू हो गया है। लोग सवाल उठा रहे है कि जब निर्माण पूरा ही नहीं करना था तो जनता के पांच करोड़ रुपये क्यों फूंके गए।

वर्ष 2004 में ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड के समीप हिमालयन म्यूजियम की आधारशिला रखी गई थी। 12.23 करोड़ की इस योजना पर अस्सी प्रतिशत धनराशि केंद्र सरकार को जबकि बीस प्रतिशत राशि राज्य सरकार को खर्च करनी है। शुरुआत में इस योजना पर तेजी से काम शुरू किया गया। करीब दो वर्ष में कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने लगभग पांच करोड़ के बजट से म्यूजियम का बेसमेंट और ऊपर की मंजिल का ढांचा तैयार कर दिया। मगर, इसी बीच उत्तर प्रदेश निर्माण निगम से सभी राजकीय काम सरकार ने वापस ले लिए। जिसके बाद करीब दो वर्ष से यह योजना अधर में लटकी है।

यहां तैयार आधा-अधूरा निर्माण खंडहर में तब्दील हो गया है। परिसर में बड़ी-बड़ी झाडिय़ां जम गई हैं। यह खंडहर आसामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। आलम यह है यहां पड़ी निर्माण सामग्री चोरी हो रही है।  विभाग अथवा कार्यदायी संस्था की ओर से यहां कोई चौकीदार भी तैनात नहीं किया गया है। बहरहाल अभी तक पांच करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च हो चुके हैं और अभी इतनी ही धनराशि और खर्च की जानी है। वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने शेष राशि के भुगतान के लिए संस्कृति विभाग से उपयोग प्रमाण पत्र व ऑडिट की जानकारी मांगी है। फिलहाल हिमालयन म्यूजियम के अस्तित्व में आने में और वक्त लग सकता है।

हिमालयन म्यूजियम में बननी है तीन गैलरी 

प्रस्तावित हिमालयन म्यूजियम में तीन आर्ट गैलरी बनाई जानी हैं। जिसमें उत्तराखंड के चार धामों के दर्शन के अलावा पर्यटक उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित हो पाएंगे। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट ने बताया कि आर्ट गैलरी में उत्तराखंड के प्रचलित पौराणिक बर्तन, वेशभूषा, उपयोगी वस्तुओं के अलावा विलुप्त हो रही लोक कलाएं रखी जाएंगी। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार और पर्यटक स्थल होने के कारण यहां इस तरह का म्यूजियम उपयोगी सिद्ध होगा।

बोले अधिकारी

बीना भट्ट (निदेशक, संस्कृति विभाग, उत्तराखंड) का कहना है कि वित्त मंत्रालय भारत सरकार को पिछले बजट का उपयोग प्रमाण पत्र व महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट भेज दी गई है। संभव है कि लोकसभा चुनाव की अचार संहिता के बाद इस योजना के लिए शेष बजट भी मिल जाएगा। जिसके बाद हिमालय म्यूजियम को शीघ्रता से तैयार किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *