भूस्खलन से नहीं जाएगी केदरानाथ में बिजली, बिछ रही भूमिगत लाइन

उत्तराखण्ड

रुद्रप्रयाग: आने वाले दिनों में प्राकृतिक आपदाओं से केदारनाथ में विद्युत लाइनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ऊर्जा निगम ने यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग से केदारनाथ तक भूमिगत विद्युत लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया है।

उत्तराखंड में केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में है। यहां निर्माण कार्यों को वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी समय-समय पर देख चुके हैं। अब केदारनाथ में बिजली की समस्या न रहे इसके प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके तहत सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पांच किलोमीटर लाइन बिछा दी गई है। बताया जा रहा है कि नवंबर तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

दरअसल, वर्ष 2013 की आपदा के वक्त केदारनाथ में बिजली की लाइन पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी। इसके अलावा हर वर्ष सर्दियों में भारी बर्फबारी के दौरान भी लाइन का खासा नुकसान पहुंचता है।

लाइन की मरम्मत में खर्च तो काफी होता ही है, समय भी जाया होता है। ऐसे में केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना तैयार करने के दौरान बिजली की तारों को भी भूमिगत करने का फैसला किया गया।

ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता अक्षित भट्ट ने बताया कि 22 करोड़ लागत की इस योजना पर जुलाई से काम शुरू कर दिया गया है। पांच किलोमीटर लाइन भूमिगत कर दी गई है। इसके अलावा पैदल मार्ग पर केदारनाथ से लिनचौली के बीच भी 500 मीटर लंबी लाइन भूमिगत कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि अब पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच कार्य शुरू किया जाना है। भट्ट के अनुसार अगले साल यात्रा सीजन में धाम के पैदल मार्ग पर स्थित सभी पड़ावों पर बिजली की नियमित आपूर्ति होने लगेगी।

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