श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गये, जिनमें से दो पाकिस्तानी नागरिक थे। पुलिस ने आज बताया कि यह आतंकवादी इस वर्ष जुलाई में अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले में कथित रूप से शामिल थे। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान फरार हुए एक अन्य आतंकवादी को पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि सोमवार को श्रीनगर जा रहे सेना के काफिले पर जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड में आतंकवादियों ने हमला किया और जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी। हमले में एक सैनिक शहीद हुआ है जबकि दूसरा घायल हुआ है। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकवादियों की तलाश शुरू कर दी थी। यह खोज अभियान बाद में मुठभेड़ में बदल गया जो कल देर रात दो बजे तक चला।
पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादी की पहचान स्थानीय आतंकवादी यवर बशीर और विदेशी आतंकवादियों अबु फुकरान और अबु माविया के रूप में की है। कुलगाम में हबियाश का रहने वाला बशीर इसी वर्ष फरवरी में एक पुलिसकर्मी से राइफल छीनने के बाद लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था। वहीं, फुकरान ने अबु इस्माइल के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा की कमान संभाली थी। इस्माइल ने जुलाई में अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले का नेतृत्व किया था। पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ में मारे गये तीनों आतंकवादी 10 जुलाई, 2017 को अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने वाले समूह में शामिल थे। हमले में आठ यात्री मारे गये थे जबकि 19 अन्य घायल हुए थे।
पुलिस का कहना है कि फुकरान के नेतृत्व वाला समूह अनंतनाग और कुलगाम में विभिन्न अपराधों में शामिल रहा है, जैसे– बांटिंगो में बस पर हुआ हमला, राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोवर मुंडा में सुरक्षा बलों पर हमला और अनंतनाग बस स्टैंड पर पुलिस दल पर हमला। मुठभेड़ की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि काजीगुंड मुठभेड़ से मिले सुराग के आधार पर बिजिबेहरा के हम्जापोरा संगम निवासी राशिद अहमद अलाई को जंगलातमंडी मैटरनिटी अस्पताल से गिरफ्तार कर उसके कब्जे से एक चाइनीज पिस्तौल और पांच गोलियां बरामद की गयीं। वह पिछले दो दिन से अपने घर से लापता था और लश्कर-ए-तैयबा के यवर समूह में शामिल हो गया था। पुलिस का कहना है कि काजीगुंड में सोमवार को सेना के काफिले पर हमला करने वालों में राशिद भी शामिल था, लेकिन मुठभेड़ के दौरान बच निकला। उसने अपने एक सहयोगी की मदद से अनंतनाग के अस्पताल में आसरा लिया था। पुलिस के अनुसार, अपने सहयोगी की मदद से वह पुलिसकर्मियों पर हमला कर हथियार छीनने की योजना बना रहा था।