गंगोत्री और यमुनोत्री में धूमपान करने वालों पर रहेगी प्रशासन की नजर

उत्तराखण्ड

उत्तरकाशी। राज्य में भले ही धूमपान निषेध कानून लागू है, लेकिन इसे लेकर शायद ही कभी गंभीरता दिखायी गई। खैर देर से ही सही, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में प्रतिबंध लागू करने के लिए उत्तरकाशी जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। धामों में कोई धूमपान करने वालों पर नजर रखी जाएगी और कोई नियमों का उल्लंघन करते मिला तो  चालान काटकर उससे जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसके लिए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की मंदिर समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सहयोग की अपील भी की गई है।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने बताया कि शनिवार को यमुनोत्री मंदिर समिति और रविवार को गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसमें स्वास्थ्य, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि  गंगोत्री, यमुनोत्री और यमुनोत्री के प्रमुख पड़ाव खरसाली में धूमपान सामाग्री की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

इस निर्णय से व्यापारियों को भी अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों मंदिर समितियों को चालान काटने का अधिकार दिया गया है और उन्हें चालान बुक भी उपलब्ध करा दी गई है। साथ ही पुलिस कर्मियों और यात्रा मजिस्ट्रेट को भी निर्देश दिए गए हैं कि कार्रवाई करें और स्थान-स्थान पर चेतावनी बोर्ड भी लगाएं।  डीएम ने बताया कि उल्लंघन करने पर अधिकतम 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है।

धामों को पॉलीथिन से मुक्त करने को मंदिर समिति ने भी की पहल 

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए मंदिर समितियों ने भी पहल ही है। हालांकि यहां कैरी बैग पर तो पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन पॉलीथिन की पैकिंग वाली सामाग्री खूब बेची जाती है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री मंदिर के भोग व भंडारे में हर दिन प्रयोग में आने वाली सैकड़ों प्लास्टिक कोटेड कटोरे और पत्तलों का प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके स्थान पर थालियों का प्रयोग कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गंगोत्री धाम के व्यापारियों को भी कहा गया है कि पूजा व प्रसाद की सामग्री को पॉलीथिन की पैकिंग में न बेचे। पॉलीथिन युक्त पूजा और प्रसाद की सामग्री मंदिर व घाटों की पूजा में स्वीकार नहीं की जाएगी।

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