छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म: जीआरडी वर्ल्‍ड से अन्य स्कूलों में शिफ्ट होंगे बच्चे

उत्तराखण्ड

देहरादून : सीबीएसई के जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल की मान्यता रद करने के बाद अब स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जिसके तहत डे-स्कॉलर के लिए भाऊवाला के चार स्कूलों को चिह्नित किया गया है। बोर्डिंग में रह रहे बच्चों की शिफ्टिंग का अभी कोई प्लान नहीं है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि बोर्डिंग में रहने वाले 70 बच्चों के अभिभावक उन्हें पहले ही स्कूल से निकाल ले गए हैं।

जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद शिक्षा सचिव की सिफारिश पर सीबीएसई ने जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल की मान्यता रद कर दी। स्कूल की मान्यता रद होने के बाद अब स्कूल में पढ़ने वाले 280 डे-स्कॉलर बच्चों को शिफ्ट करने की कवायद शुरू हो गई है।

खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर पंकज शर्मा ने बताया कि शिफ्टिंग को लेकर प्रस्ताव निदेशालय को भेजा जा चुका है। जिस पर शासन की ओर से मंजूरी मिलते ही शिफ्टिंग का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भाऊवाला क्षेत्र में सीबीएसई से संबद्ध चार स्कूल हैं। जिनमें एसएन मेमोरियल पब्लिक स्कूल, दून वैली स्कूल, बलूनी पब्लिक स्कूल और दून हेरिटेज स्कूल शामिल हैं।

ये स्कूल जीआरडी वर्ल्‍ड के एक से डेढ़ किमी के दायरे में हैं। ऐसे में इन स्कूलों में ही बच्चों को शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अभिभावकों की सहमति से ही यह कार्य किया जाएगा। अगर अभिभावक खुद पहल करते हैं तो विभाग सिर्फ इस मामले में मॉनिटरिंग करेगा। उन्होंने बताया कि शिफ्टिंग में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।

वर्तमान सत्र के लिए प्रक्रिया
जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल में पढ़ने वाले 280 बच्चों के लिए शिफ्टिंग प्रक्रिया चालू शैक्षणिक सत्र के लिए होगी। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों का साल बेकार न जाए इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से ये पैरवी की जा रही है। दरअसल सीबीएसई सिर्फ परीक्षा कराती है। जबकि, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा से लेकर सभी अन्य गतिविधियों को शिक्षा विभाग ही देखती है। ऐसे में बच्चे विभाग द्वारा शिफ्ट किए जा रहे हैं। अगले सत्र से बच्चे किसी अन्य स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं।

अभियोजन ने बहस को फिर मांग ली मोहलत
बोर्डिंग स्कूल की निदेशक समेत छह आरोपितों की जमानत अर्जी पर बहस नहीं हो सकी। विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत में पत्रावली पेश करने के दौरान अभियोजन पक्ष के सरकारी अधिवक्ता ने बहस के लिए दो दिन का और वक्त मांग लिया। जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के लिए अगली तारीख निर्धारित कर दी।

बता दें, भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड बोर्डिंग स्कूल में हाईस्कूल की नाबालिग छात्रा से 14 अगस्त को हाईस्कूल और इंटर के चार छात्रों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। घटना के बाद छात्रा गर्भवती हो गई। उसने आया मंजू को यह बात बताई तो प्रबंधन इस प्रकरण को रफा-दफा करने में जुट गया। छात्रा को धमकी दी गई कि वह किसी को यह बात न बताए।
इसके बाद निदेशक लता गुप्ता के कहने पर प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा और उसकी पत्नी तन्नू ने छात्रा को देसी दवा दी, जिससे उसका गर्भपात हो गया। इस बीच जब रक्तस्त्राव नहीं रुका तो छात्रा को एक नर्सिंग होम में भी उपचार के लिए ले जाया गया।

इस बीच छात्रा ने किसी तरह परिजनों को यह बात बताई और प्रकरण में कार्रवाई हुई। मामले में स्कूल की प्रबंधक, प्रधानाचार्य, प्रशासनिक अधिकारी समेत कुल नौ लोगों पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपितों में तीन छात्र नाबालिग हैं।

प्रबंधन से जुड़े लोगों की जमानत अर्जी पोक्सो कोर्ट में दाखिल की गई है। सोमवार को भी अदालत ने अभियोजन पक्ष के सरकारी अधिकारी बीएस नेगी द्वारा समय मांग लिए जाने के कारण बुधवार को सुनवाई की तारीख तय की गई थी। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजीव शर्मा बंटू ने बताया कि मामले में शुक्रवार को बहस के दौरान अपना पक्ष रखेंगे।

ये हैं आरोपित

स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रधानाचार्य जितेंद्र शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा व उसकी पत्नी तन्नू, आया मंजू व इंटर का छात्र सर्वजीत। इसके अलावा दुष्कर्म करने वाले तीन छात्र नाबालिग हैं। नाबालिग आरोपित हरिद्वार बाल सुधार गृह तथा अन्य आरोपित सुद्धोवाला जिला कारागार में हैं।

छात्रा से दुष्कर्म मामले में न्याय मित्र नियुक्त

नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के भाऊवाला स्थित विद्यालय की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुनवाई करते हुए अगली तिथि 27 सितंबर नियत की है। सरकार की ओर से इस प्रकरण पर बताया गया कि मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया था। खंडपीठ ने इस मामले में अधिवक्ता अरविंद वशिष्ठ को न्याय मित्र नियुक्त करते हुए अगली सुनवाई 27 सितंबर नियत कर दी।

यूटीयू जांच कमेटी ने कुलपति को भेजी रिपोर्ट

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) की तीन छात्राओं के साथ शिक्षक द्वारा अश्लील हरकत करने के आरोप में विवि प्रशासन ने एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने बुधवार को जांच के बाद अपनी रिपोर्ट विवि के कुलपति डॉ.यूएस रावत को भेज दी है। विवि की कुलसचिव ने इसकी पुष्टि की।

विदित रहे कि विवि परिसर की तीन छात्राओं ने कम्प्यूटर साइंस विभाग के शिक्षक पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था। छात्राओं का कहना था कि ढाई महीने पहले आरोपित शिक्षक ने स्कालरशिप में उपस्थिति दर्ज कराने के बहाने उनसे डबल मीनिंग बातें कीं। इस मामले में एक छात्रा और उसके पिता ने 20 सितंबर को रजिस्ट्रार दफ्तर में हंगामा भी किया था।

उसके बाद विवि प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित की थी। कमेटी ने बीते शनिवार को आरोपी शिक्षक, छात्राओं व अन्य स्टाफ से अलग-अलग पूछताछ की। उसके बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की। कुलसचिव डॉ.अनीता रावत ने बताया कि कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर कुलपति कार्यालय के लिए भेज दी है। कुलपति रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कोई निर्णय लेंगे।

केवीएम स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

हल्द्वानी में केवीएम स्कूल की वैन में मासूम से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार की रात पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

केवीएम स्कूल की नर्सरी की छात्रा से वैन में ड्राइवर व कंडक्टर पर दुष्कर्म का आरोप है। यह मामला 21 सितंबर को उजागर हुआ था। मामले में कार्रवाई के लिए उपचार कर रहे डॉक्टर ने मदद की और पुलिस ने मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया।

दूसरे दिन स्कूल के बाहर धरना-प्रदर्शन होने लगे। मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। हल्द्वानी की अकलेमा परवीन ने जनहित याचिका दर्ज कराई थी। इस याचिका पर 25 सितंबर को सुनवाई के बाद स्कूल प्रबंधन पर 48 घंटे में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।

इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि प्रबंधक पर 21 पॉक्सो एक्ट और 75 जुविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रबंधक को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

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