BJP विधायक की बहू श्वेता ने चुनावी मैदान से हटने की घोषणा करी

उत्तराखण्ड

लंबे मंथन के बाद रामनगर ब्लाक में भाजपा उम्मीदवार रेखा रावत का ब्लाक प्रमुख बनने का रास्ता साफ हो चला है। रेखा के खिलाफ चुनाव मैदान में डटी रामनगर के भाजपा विधायक दीवान सिंह बिष्ट की पुत्रवधू श्वेता बिष्ट ने आखिरकार चुनाव मैदान से हटने की घोषणा कर दी है। भाजपा ने सोमवार को श्वेता व उनके पति जगमोहन को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाजपा ने रेखा रावत को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया तो विधायक दीवान सिंह बिष्ट की पुत्रवधू श्वेता बिष्ट ने भी अधिकांश बीडीसी मेंबरों का समर्थन होने का दावा करते हुए चुनावी मैदान में कूदने का एलान कर दिया। श्वेता बिष्ट को मनाने का दौर सोमवार देर रात तक तक चलता रहा। बात न बनने पर पर्यवेक्षक भी बैरंग लौट गए। इसके बाद भाजपा हाईकमान ने सख्ती दिखाते हुए श्वेता एवं जगमोहन को पार्टी की सदस्यता से ही निष्कासित कर दिया। दूसरी ओर सुलह की कोशिश भी जारी रही। बात न बनती देख विधायक दीवान सिंह बिष्ट के राजनीतिक गुरु कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को मोर्चे पर लगाया गया। मंगलवार को भगत ने दीवान सिंह बिष्ट की मौजूदगी में लोनिवि विश्राम गृह में श्वेता व अन्य सदस्यों से लंबी वार्ता की। आखिरकार मान मनौव्वल के बाद श्वेता बिष्ट ने चुनावी मैदान से हटने की घोषणा कर दी। भगत के मुताबिक श्वेता को जगमोहन को पार्टी में वापस लेने के लिए भी आश्वस्त किया गया है। वार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, पार्टी अधिकृत प्रत्याशी रेखा रावत, इंदर रावत, जगमोहन बिष्ट, मदन जोशी, भूपेंद्र खाती, राकेश नैनवाल आदि मौजूद रहे।

चुनाव मैदान से हटने की घोषणा के बावजूद होगी चुनाव प्रक्रिया

भले ही प्रमुख पद के चुनाव पर अब एक ही नाम पर समझौता हो गया है, लेकिन औपचारिक रूप से इस पद पर चुनाव कराया जाएगा। श्वेता बिष्ट ने यदि नामांकन वापसी के दिन नाम वापस लिया होता तो रेखा रावत निर्विरोध चुनी जाती। अब निर्वाचन नियमावली के तहत इस पद पर मतदान कराना जरूरी हो चुका है। इसके अलावा ज्येष्ठ और कनिष्ठ उपप्रमुख के पद पर दो-दो उम्मीदवार मैदान पर हैं। उनके लिए भी चुनाव होना है।

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