Mamata vs CBI : राज्यों में सीबीआई को नहीं है घुसने की इजाजत, जानिए- क्या कहता है कानून

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नई दिल्ली। सारधा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची सीबीआई के साथ हुए टकराव के बाद संसद से लेकर सड़क तक संग्राम छिड़ा हुआ है। कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी धरना दे रही हैं।

पश्चिम बंगाल में अलग-अलग शहरों में टीएमसी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी के साथ खड़ी हैं। वहीं सीबीआइ सुप्रीमकोर्ट पहुंच गई है। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कल सुनवाई का समय दिया है। वहीं संसद के दोनों सदनों में आज इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक, लेकिन…

यह पहला मामला है जब सीबीआई और किसी राज्य की पुलिस के बीच सीधा टकराव हुआ हो। आपको बता दें कि सीबीआई गठन के कानून के मुताबिक किसी भी राज्य में उसकी कार्रवाई से पहले वहां की अनुमति लेने का प्रावधान है। आपको बता दें कि सीबीआई का गठन दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम-1946 के तहत हुआ है। इस अधिनियम की धारा-5 के मुताबिक देश के सभी क्षेत्रों में सीबीआई को जांच का अधिकार दिया गया है, लेकिन इसी के साथ ही धारा-6 में साफ कहा गया है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई उस राज्य के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती है।

पश्चिम बंगाल के अलावा इन राज्यों में CBI की कार्रवाई पर रोक

कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने धारा-6 का इस्तेमाल करते हुए बिना उनकी इजाजत के सीबीआई की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।. इस रोक के मुताबिक केंद्रीय अधिकारियों, सरकारी उपक्रमों और निजी व्यक्तियों की जांच सीधे नहीं कर सकेगी। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद राज्य का आदेश रद्द किया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

गौरतलब है कि सीबीआई ने रविवार को चिटफंड घोटाला मामले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची थी. जहां पर उसका कोलकाता पुलिस से टकराव हो गया और पूरी टीम को हिरासत में ले लिया गया और इसके बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की याचिका पर अदालत ने कहा है कि कमिश्नर के खिलाफ सबूत नष्ट करने के सबूत पेश करे और मामले की सुनवाई अब 5 फरवरी को होगी।

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