उत्तराखंड में चटख धूप खिलने से जनजीवन बेहाल; इन जगहों पर पड़ सकती हैं बौछारें

उत्तराखण्ड

देहरादून: उत्तराखंड में मानसूनी बरसात का क्रम अब थम गया है। लगभग एक सप्ताह से बारिश का दौर रुका हुआ है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में मानसून कमजोर पड़ने के बाद दून समेत प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है, जिससे पारा लगातार चढ़ रहा है और गर्मी से जनजीवन प्रभावित है।

मौसम विभाग की मानें तो कुमाऊं के बागेश्वर और पिथौरागढ़ के साथ ही कुछ अन्य क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। जबकि, देहरादून समेत गढ़वाल के अधिकतर क्षेत्रों में आमतौर पर आसमान साफ रहने का अनुमान है। कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रहने और हल्की बूंदाबांदी की भी संभावना है।

एक सप्ताह में तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस की बढ़त

प्रदेश में बीते एक सप्ताह में प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में  तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई है। अगले कुछ दिन भी ज्यादातर क्षेत्रों में आसमान साफ रहने का अनुमान है। ऐसे में पारे में और इजाफा होने की भी आशंका है।

शुक्रवार को पारा पहुंचा 35 डिग्री के पार

बीते दिन यानी शुक्रवार को सितंबर माह के पहले दिन ही सूर्य के तेवर और तल्ख हो गए। दून समेत कई मैदानी क्षेत्रों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। जबकि, सितंबर में वर्ष 2020 के बाद यह केवल दूसरी बार हुआ है।

वर्ष 1974 में दर्ज की गई थी सितंबर में अधिकतम 36.6 डिग्री तापमान

प्रदेश में चटख धूप खिलने से पारा लगातार चढ़ने लगा है, जिससे उमसभरी गर्मी बेहाल कर रही है। दून का अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि बीते 23 वर्ष में सितंबर में सर्वाधिक तापमान है। इससे पहले केवल वर्ष 2020 में ही पारा 35 के पार पहुंचा था। सितंबर माह में अधिकतम तापमान का आल टाइम रिकार्ड वर्ष 1974 में 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *