छावनी परिषद की निगाह से बचने को यहां रात में हो रहा अवैध निर्माण

उत्तराखण्ड

देहरादून: प्रेमनगर में नियम-कायदे ताक पर हैं। न कानून का खौफ दिख रहा है न शासन-प्रशासन का। हद ये कि छावनी परिषद देहरादून से रोके जाने के बाद भी व्यापारी बिना अनुमति निर्माण व मरम्मत कर रहे हैं। नजर से बचने के लिए व्यापारी अब रात के समय निर्माण कर रहे हैं।

कैंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी जाकिर हुसैन का कहना है कि अतिक्रमण हटाए जाने के बाद लोगों को आगाह किया गया था कि बिना कैंट बोर्ड की अनुमति के वह दोबारा निर्माण या मरम्मत का कार्य शुरू न करें। इसके बावजूद निर्माण कार्य किया जा रहा है।

लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रेमनगर से ठाकुरपुर की तरफ जाने वाली रोड/राजमार्ग लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत है। इसके दोनों तरफ स्थानीय दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण किया गया था। कहा कि छावनी परिषद दुकानदारों द्वारा दोबारा किए जा रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। स्थानीय व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा कैंट बोर्ड की टीम का विरोध भी किया जा रहा है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग भी अपने स्तर पर उचित कार्रवाई कर व्यापारियों को अतिक्रमण करने से रोके।

उन्होंने कहा कि यदि दोबारा अतिक्रमण हुआ तो भविष्य में न्यायालय व शासन के आदेश बिना इसे हटा पाना मुश्किल होगा। इस पत्र की प्रतिलिपि एनएच के अधिशासी अभियंता व लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता को भी प्रेषित की गई है।

कुल मिलाकर कैंट बोर्ड प्रेमनगर क्षेत्र में दोबारा अवैध अतिक्रमण रोकने की कोशिश कर रहा है। पर उसकी इस मुहिम को विधायक, जनप्रतिनिधि व स्थानीय व्यापारी ही पलीता लगा रहे हैं।

एफआइआर का भी असर नहीं, अवैध निर्माण जारी

प्रेमनगर में ध्वस्तीकरण के बाद दोबारा अतिक्रमण करने के मामले में 21 लोगों पर एफआइआर किए जाने के बाद भी हालात जस के तस हैं। राजमार्ग के जिस हिस्से से अतिक्रमण हटाए गए थे, वहां पर लोग बेखौफ होकर दोबारा से निर्माण कर रहे हैं।

गंभीर स्थिति यह कि यह सब जनप्रतिनिधियों की शह पर किया जा रहा है और पुलिस-प्रशासन भी खामोश तमाशा देख रहा है। प्रेमनगर क्षेत्र में प्रशासन ने बमुश्किल अतिक्रमण हटाने का साहस दिखाया था और प्रेमनगर समेत मिठ्ठी बेहड़ी व केहरी गांव क्षेत्र में 227 पक्के निर्माण ध्वस्त किए थे। हालांकि इसके बाद प्रशासन ने यहां से निगाहें फेर ली थीं।

इसका असर यह हुआ कि लोगों ने दोबारा से पुरानी जगह पर निर्माण शुरू कर दिया। मंगलवार को कैंट विधायक हरबंस कपूर के लोगों के पक्ष में उतरने के बाद अवैध निर्माण और तेज हो गया।

हालांकि, गढ़ी कैंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) जाकिर हुसैन की तहरीर के बाद पुलिस को देर रात 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना पड़ा, मगर पुलिस की भूमिका भी सिर्फ यहीं तक सिमट कर रह गई।

कैंट बोर्ड के सीईओ ने तहरीर देने से पहले दोबारा अतिक्रमण कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी भी की, लेकिन लोगों के विरोध और फोर्स न मिल पाने के चलते उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद न सिर्फ उन्होंने विवश होकर प्रेमनगर थाने में तहरीर दी, बल्कि जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा।

यह बात और है कि पुलिस व प्रशासन दोनों ही स्तर पर अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। सीईओ हुसैन का कहना है कि या तो प्रशासन अपने स्तर पर कार्रवाई करे या बोर्ड की टीम को फोर्स मुहैया कराए।

अब सीईओ ने लोनिवि को लिखा पत्र

प्रेमनगर में ध्वस्तीकरण के बाद दोबारा किए जा रहे अतिक्रमण के मामले में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखने के बाद कैंट बोर्ड सीईओ जाकिर हुसैन ने लोनिवि राजमार्ग के मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम को पत्र लिखा है।

पत्र में उन्होंने कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन और प्रेमनगर क्षेत्र को जाम से मुक्त रखने के लिए अतिक्रमण पर कार्रवाई जरूरी है। पिलर भी खिसकाए गए यह बात भी सामने आ रही है कि प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण हटाने के बाद जो पिलर लगाए थे, उन्हें भी खिसका दिया गया है।

इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गई है, मगर कार्रवाई नहीं की जा रही। सीमांकन की भी जरूरत कैंट बोर्ड सीईओ जाकिर हुसैन का कहना है कि अतिक्रमण की पैरवी करने वाले जनप्रतिनिधि व व्यापारी कह रहे हैं कि प्रेमनगर का बड़ा इलाका कैंट बोर्ड के दायरे से बाहर है।

इस संबंध अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि में यदि ऐसा है तो एमडीडीए व राजस्व की टीम के साथ मिलकर संयुक्त सर्वे किया जा सकता है। इस संबंध में कैंट बोर्ड ने शासन को कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि, आदेश स्पष्ट हैं कि कहीं भी अतिक्रमण नहीं किया जा सकता और अतिक्रमण पर कार्रवाई होगी।

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