दो माह में चार बड़े आयोजन, टिहरी लेक फेस्टिवल से शुरू होगा रोमांच का सफर

उत्तराखण्ड

देहरादून। पर्यटन विभाग प्रदेश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आगामी दो माह में चार बड़े आयोजन कराने जा रहा है। इसकी शुरुआत 25 फरवरी से टिहरी लेक फेस्टिवल से होगी। तीन दिवसीय इस लेक फेस्टिवल का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे। 26 और 27 फरवरी को औली में राष्ट्रीय नॉर्डिक और स्कीइंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। एक मार्च से सात मार्च तक ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के 52 योगाचार्य शिरकत करेंगे। इस दौरान चार से छह मार्च तक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का भी प्रयास किया जाएगा। वहीं एक से नौ अप्रैल तक द अल्टीमेट उत्तराखंड हिमालयन एटीबी चैलेंज रेस का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत प्रतिभागी नैनीताल से लेकर मसूरी तक 564 किमी की यात्रा साइकिल के जरिए सात चरणों में पूरी करेंगे।

शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि 25 फरवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय लेक फेस्टिवल के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत पहाड़ी गांव की सैर, लाइव पेटिंग प्रस्तुतिकरण, मास्टर सैफ कंप्टीशन और गंगा आरती के अलावा एयरो, वॉटर, लैंड स्पोर्ट्स का आयोजन भी होगा। उद्घाटन कार्यक्रम में साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने वाले साइकिलिस्ट विभिन्न करतब दिखाएंगे।

फरवरी में ही 26 व 27 तारीख को औली में राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें क्रॉस कंट्री, सुपर जी कंबाइंड, नॉर्डिक स्कीइंग, एलपाइन स्लालोम और स्नो बोर्ड स्लालोम प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि एक से सात मार्च के बीच अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न योग विश्वविद्यालयों द्वारा 700 पंजीकरण किए गए हैं। इसके आयोजन के लिए सात योगा हॉल बनाए गए हैं। महोत्सव के तहत रात आठ से दस बजे तक भक्ति संध्या का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में प्रतिभाग करने के लिए एक हजार रुपये पंजीकरण शुल्क रखा है। विदेशी प्रतिभागियों के लिए 30 डॉलर और विद्यार्थियों के लिए 500 रुपये शुल्क रखा गया है।

महोत्सव के तहत चार मार्च को शिवरात्रि महापर्व पर रुद्राभिषेक के साथ ही दिन में 12 से दो बजे तक पांडव नृत्य-चक्रव्यूह रचना का कार्यक्रम रखा गया है। इसी में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉडर्स में नाम दर्ज करने की तैयारी है।

इसके अलावा विभाग एक अप्रैल से नौ अप्रैल तक एडीबी सहायतित आइडीआइपीटी कार्यक्रम के तहत साइकिलंग फेडरेशन ऑफ उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में अल्टीमेट उत्तराखंड हिमालयन एमटीबी चैलेंज का आयोजन किया गया है। इस रेस में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसका पंजीकरण निशुल्क रखा गया है।

यात्रा के दौरान रहने एवं खान-पान की व्यवस्था उत्तराखंड पर्यटन के सौजन्य से की जा रही है। अब तक प्रतियोगिता के लिए राष्ट्रीय स्तर के 43 और अंतर राष्ट्रीय स्तर के चार साइकिलिस्ट पंजीकरण करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार उत्तराखंड के स्नो लेपर्ड को प्रतियोगिता के शुभंकर के रूप में प्रचारित भी किया जा रहा है। इस दौरान अपर सचिव पर्यटन एस रविशंकर और प्रबंध निदेशक जीएमवीएन ज्योति यादव भी मौजूद थीं।

इंटरनेशनल स्कीइंग डेस्टीनेशन के रूप में विकसित होगा औली

प्रदेश सरकार औली को इंटरनेशनल स्कीइंग डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पूरे क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाकर इसे विकसित किया जाएगा। इसकी डीपीआर बनाने के लिए फिलहाल पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के कंसलटेंट ने आवेदन दिए हैं। जिनमें से किसी एक का चयन जल्द किया जाएगा। इसके बनने के बाद यहां खेलों के साथ ही पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

औली प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। विशेषकर सर्दियों में बर्फबारी के बाद वहां का सौंदर्य निखर जाता है। औली देश का एकमात्र अल्पाइन स्कीइंग स्लोप है। इसकी तमाम विशेषताओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने इसे इंटरनेशनल स्कीइंग डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसका स्वरूप क्या होगा, इसके लिए एक विस्तृत डीपीआर अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ सलाहकारों से तैयार कराई जाएगी। इसके बाद पूरे क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर यहां की सभी गतिविधियों को स्पेशल पपर्ज व्हीकल (एसपीवी) बनाकर संचालित किया जाएगा।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि विभाग ने औली में 26 व 27 फरवरी को इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की प्रदेश इकाई के साथ राष्ट्रीय स्कीइंग चैंपियनशिप कराने का निर्णय लिया है। इसके अलावा औली को विंटर डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है। भविष्य में वहां सेना, अर्धसैनिक बल व एसडीआरएफ को भी प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

प्रतियोगिता पर है विवादों का साया 

राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता विवादों से बची हुई नहीं है। दरअसल, पर्यटन विभाग इस प्रतियोगिता को इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के साथ मिलकर करा रहा है। विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की प्रदेश इकाई ने इसका विरोध किया है और वह इस मामले को लेकर कोर्ट में है। अब सोमवार को इसकी सुनवाई होनी है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि यदि यह प्रतियोगिता निरस्त होती है तो इसका आयोजन शौकिया प्रतियोगिता के रूप में कराया जाएगा। इसके विजेताओं को विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। मकसद यह है कि औली में प्रतियोगिता हो। इस दौरान वहां विंटर कार्निवाल भी आयोजित किया जाएगा।

विंटर गेम्स पर फेडरेशन-एसोसिएशन में रार 

औली में नेशनल स्कीइंग समेत अन्य शीतकालीन खेलों की तैयारी के बीच विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ उत्तराखंड और ओलंपिक एसोसिएशन के बीच रार बढ़ गई है। आयोजन से फेडरेशन को पूरी तरह से किनारे करने पर यह स्थिति उत्पन्न हुई है। फेडरेशन ने इस संबंध में कोर्ट के आदेश का इंतजार करने के साथ ही एसोसिएशन के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाकर मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है।

औली समेत प्रदेशभर में शीतकालीन खेलों की कमान वर्षों से विंटर गेम्स फेडरेशन संभाल रही थी। औली में सैफ गेम्स समेत कई बड़े खेलों का आयोजन भी फेडरेशन करा चुकी है। मगर, इस बार ओलंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने यह कमान अपने हाथों में ले ली है। आइएओ ने इसकी जिम्मेदारी प्रदेश की एक एसोसिशन को सौंपी है। इससे फेडरेशन के पदाधिकारियों में भारी नाराजगी है।

विंटर गेम्स फेडरेशन के संस्थापक सदस्य एवं वर्तमान में संरक्षक सेवानिवृत्त आइएएस एसएस पांगती ने आयोजन पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोजन में फेडरेशन पूरा सहयोग दे रहा था। मगर, आयोजन की जिम्मेदारी ऐसी एसोसिएशन और पदाधिकारियों को दी गई, जिनके पास शीतकालीन खेलों का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने पूरे आयोजन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जल्द इस मामले में सरकार ने हस्तक्षेप कर नियमानुसार आयोजन न कराया तो यह राज्यहित में नहीं होगा। सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से इस तरह का आयोजन ठीक नहीं है।

फेडरेशन के अध्यक्ष हर्षमणी व्यास, पीसी थपलियाल आदि ने कहा कि कोर्ट के आदेश के इंतजार के बाद फेडरेशन इस मामले में मोर्चा खोलेगा। इधर, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि औली में शीतकालीन खेलों का आयोजन पूरी तरह से नियमानुसार कराया जा रहा है। यदि किसी को कोई शिकायत है तो वह लिखित में दे सकता है।

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