निकाय चुनाव के दौरान इतनी ज्यादा छुट्टियों के संयोग से टेंशन में ‘सरकार’

उत्तराखण्ड

देहरादून: निकाय चुनाव की सरगर्मियां, बागियों के तेवर और चुनाव की तैयारी को लेकर जहां सरकार टेंशन में है, वहीं सरकारी कार्मिकों की बांछे खिली हुई हैं। दरअसल, इस बार दीपावली पर छुट्टियों का ऐसा संयोग बन रहा, जिसकी सरकारी कार्मिक हमेशा ताक में रहते हैं। सरकारी कार्मिकों को इस बार सीधे छह दिन की छुट्टी मिल रही है।

इस संयोग में अगर सोमवार यानी पांच नवंबर की छुट्टी का ‘तड़का’ लग जाए तो कहने ही क्या। ऐसे में केंद्रीय कार्मिकों को सीधे नौ दिन की छुट्टी मिल रही और राजकीय कार्मिकों को आठ दिन की। इस गुणा-भाग में कार्मिकों ने पैतृक आवास पर जाने और सैर-सपाटे के प्रोग्राम भी तय कर लिए हैं। यही वजह है कि न ट्रेन में सीट शेष बची है, न ही ऑनलाइन बुकिंग बसों में।

इस बार छुट्टियों का संयोग भी अजीब बन रहा। मंगलवार को छोटी दीपावली से लेकर शुक्रवार को भैयादूज तक छुट्टी है। फिर अगले दिन यानी शनिवार को माह का द्वितीय शनिवार होने से सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहेगा। अगले दिन रविवार है। ऐसे में मंगलवार से रविवार तक सरकारी कार्मिकों की सीधे छह दिन की छुट्टी तय है।
वहीं, कार्मिक यदि पांच नवंबर के लिए आकस्मिक अवकाश ले लेते हैं तो केंद्रीय कार्मिक तीन से 11 नवंबर तक नौ दिन की छुट्टी पा जाएंगे। दरअसल, केंद्रीय सरकार के संस्थानों में शनिवार का अवकाश रहता है। वहीं, यदि राजकीय कर्मी पांच नवंबर का आकस्मिक अवकाश लेते हैं तो उनकी छुट्टी चार से 11 नवंबर तक सीधे आठ दिन की बन जाएगी।

चुनावी तैयारियों में जुटी सरकार के लिए छुट्टियों का यह संयोग बड़ी मुसीबत बना हुआ है। हालांकि, चुनाव के चलते किसी कार्मिक को आकस्मिक या वैतनिक छुट्टी मिलना बेहद मुश्किल लग रहा, लेकिन इस स्थिति में भी कार्मिकों की छोटी दीपावली से रविवार यानी दस नवंबर तक छह दिन की छुट्टी तो तय है।

सरकार के लिए बड़ी चिंता ये है कि यही वह वक्त है जब चुनाव के लिए सरकारी मशीनरी को प्रशिक्षण देने से लेकर बैलेट पेपर की छपाई, मतदाताओं की सूची फाइनल करना और मतदान केंद्रों को दुरुस्त करने जैसे महत्वूपर्ण काम होने हैं। क्योंकि, दीपावली के बाद का अगला हफ्ता पोलिंग पार्टियों को भेजने की तैयारी में बीतेगा। ऐसे में सरकार ने कार्मिकों की आकस्मिक और वैतनिक छुट्टी पर चुनाव तक रोक लगाने की तैयारी कर ली है।

प्रत्याशियों में भी बेचैनी

लंबी छुट्टियों के इस संयोग से सरकार के साथ निकाय चुनाव में खड़े प्रत्याशी भी बेचैन दिख रहे हैं। 18 नवंबर को मतदान होना है और नवंबर का हर दिन प्रत्याशियों के लिए प्रचार के लिहाज से अहम है। इस स्थिति में यदि कार्मिक आठ से नौ दिन के लिए घर बंद कर बाहर चले गए तो प्रचार का रंग फीका पड़ सकता है।

दून शहर में सरकारी व निजी कार्मिकों की बड़ी संख्या निवास करती है। प्रदेश के शेष शहरों की स्थिति भी ऐसी ही है। ऐसे में प्रत्याशी भी प्रचार की रणनीति बदलने में लगे हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *