उत्तराखंड में कोरोना का रिकवरी रेट बेशक सुकून दे रहा, लेकिन बेचैनी भी बढ़ा रही बढ़ती मरीजों की संख्या

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में कोरोना का रिकवरी रेट बेशक सुकून दे रहा है, पर हर दिन बढ़ती मरीजों की संख्या बेचैनी भी बढ़ा रही है। मैदान से लेकर पहाड़ तक अब भी नए मामले आ ही रहे हैं। ताजा रिपोर्ट में कोरोना के 69 नए मामले आए हैं। चिंताजनक यह कि इनमें बीस पूर्व में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोग हैं। जाहिर है कि पिछले कुछ वक्त में प्रदेश पर इस बीमारी का बोझ कम हुआ है। पर एहतियात बरतने में जरा भी चूक हुई तो हालात फिर बिगड़ सकते हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के 3230 मामले आ चुके हैं। जिनमें 81.15 फीसद यानि 2621 लोग ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 538 एक्टिव केस हैं। कोरोना संक्रमित 28 लोग राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि 43 लोग की मौत भी हो चुकी है। इनमें 75 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत मंगलवार को दून अस्पताल में उपचार के दौरान हुई।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ताजा मामले में 2264 सैंपलों की जांच रिपोर्ट मिली है। इनमें 2195 मामलों में रिपोर्ट निगेटिव और 69 की पॉजिटिव है। ऊधमसिंहनगर में सबसे अधिक 25 लोग में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें दस लोग पूर्व में संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोग हैं, जबकि नौ ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे थे। छह दिल्ली से वापस लौटे हुए हैं।

देहरादून में भी कोरोना संक्रमण के 18 नए मामले मिले हैं। हरिद्वार में सात नए मामले हैं। इनमें पांच लोग पूर्व में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं और एक गुरुग्राम से लौटा है। नैनीताल में भी पांच पॉजिटिव केस हैं। जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री अभी पता नहीं लग पाई है।

वहीं, पौड़ी में दिल्ली व मेरठ से लौटे तीन लोग संक्रमित मिले हैं। पिथौरागढ़ व उत्तरकाशी में भी तीन-तीन नए केस हैं। यह लोग दिल्ली, गाजियाबाद, कानपुर, मेरठ व श्रीनगर से लौटे हैं। अल्मोड़ा व चंपावत में दो-दो व टिहरी में एक व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि हुई है। टिहरी में जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला है वह कजाकिस्तान से वापस लौटा है।

इधर, नौ जिलों से मंगलवार को 35 मरीज ठीक हुए हैं। इनमें दस अल्मोड़ा, सात हरिद्वार, पांच देहरादून, ऊधमसिंहनगर, उत्तरकाशी व नैनीताल से तीन-तीन, दो बागेश्वर और चमोली व पौड़ी का एक-एक मरीज स्वस्थ हुआ है।

दून में एक मौत, 18 और में कोरोना की पुष्टि

दून से कोरोना का बोझ कम होता नहीं दिख रहा है। जिले में कोरोना के 18 नए मामले आए। इसके अलावा एक बुजुर्ग की मौत हो गई। जिले में अब तक कोरोना के 776 मामले आए हैं। जिनमें 78 फीसद यानी 608 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 123 मरीज विभिन्न अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में भर्ती हैं। कोरोना संक्रमित 19 लोग बाहर जा चुके हैं, जबकि 26 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती बिजनौर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। वह यहां तीन दिन से भर्ती थे और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। बुजुर्ग को दिल के साथ सांस और बीपी की भी समस्या थी। इसके अलावा उनके कूल्हे की हड्डी टूटी हुई थी। पूर्व में वह एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। सर्जरी से पहले उनकी कोरोना जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

इधर, 18 नए मामले भी आए। सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि मसूरी में एक युवक अपने स्वजनों के साथ हरियाणा से लौटा था। पॉजिटिव पाए जाने पर उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसकी पत्नी और पांच साल का बच्चा भी पॉजिटिव आया है। वहीं, दिल्ली से लौटने वाले चार लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

इसके अलावा दून अस्पताल में पहले से भर्ती 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। एम्स ऋषिकेश में भर्ती शिमला बाईपास निवासी बुजुर्ग व एक निजी अस्पताल में भर्ती हरिद्वार निवासी शख्स में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। उनका कहना है कि दून में स्थिति अब सामान्य होने लगी है, लेकिन जनता को एहतियात बरतनी होगी। सीएमओ ने बताया कि ज्यादातर मामले वह हैं, जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री रही है।

उत्तरकाशी में कोरोना बचाव के लिए सैंपलिंग बढ़ाई

सीमांत जनपद उत्तरकाशी में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी तक जनपद में 86 कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। जिला प्रशासन ने भैरव चौक, कलक्ट्रेट चौक क्षेत्र में रहने वालों लोगों और दुकान स्वामियों की सैंपलिंग भी शुरू कर दी है। जिससे संक्रमण की जांच सही ढंग से की जा सके। जिला महिला अस्पताल और कलक्ट्रेट के मुख्य गेट के निकट कलक्ट्रेट चौक इलाका कोरोना पॉजिटिव हॉट स्पॉट बनता जा रहा है।

मंगलवार को इस क्षेत्र से एक पॉजिटिव केस आया है। कलक्ट्रेट चौक इलाके से अभी तक आठ केस आ चुके हैं। जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। यह इलाका दो बार कंटेंटमेंट जोन बन चुका है। जिला प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर कलक्ट्रेट के मुख्य गेट को बंद कर दिया है।

कोरोना मुक्ति की आस पर अभी असमंजस

कोरोना संक्रमण की स्थिति राज्य में नियंत्रित होती दिख रही है। क्योंकि, रिकवरी रेट तो लगातार बढ़ ही रहा है, अब डबलिंग रेट भी 53 दिन हो गया है। अधिकांश पर्वतीय जनपदों में अस्पतालों में भर्ती (एक्टिव) मरीजों की संख्या भी बहुत कम रह गई है। मगर हर तीन-चार दिन के बाद जिस तरह मामले सामने आ रहे हैं, वो चिंताजनक है। इसके अलावा प्रयोगशालाओं में सैंपल का बैकलॉग फिर बढ़ने लगा है।

विभिन्न प्रयोगशालाओं में फिलहाल 5687 सैंपल पेंडिंग हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। खास बात यह है कि बैकलॉग के उन जिलों के सैंपल भी शामिल हैं, जो कोरोना मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जब तक सभी सैंपलों की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कोरोना मुक्त हो रहे जिलों के सामने असमंजस की स्थिति बनी रहेगी।

ऐसा ही वाकया टिहरी जनपद के साथ हुआ है। रुद्रप्रयाग के साथ टिहरी में भी एक दिन पहले एक्टिव केस शून्य हो गए थे। लेकिन, मंगलवार को टिहरी में फिर एक नया मामला सामने आ गया। यहां कजाकिस्तान से वापस लौटा एक शख्स कोरोना पॉजिटिव मिला है। वहीं, देहरादून, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल जनपद की चुनौती हाल-फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही है। क्योंकि, इन चारों मैदानी जनपदों में रोजाना केस सामने आ रहे हैं। यहां एक्टिव केस भी अन्य जनपदों से अधिक हैं।

होम क्वारंटाइन में अधेड़ ने जहर खाकर दी जान 

चमोली जिले की गैरसैंण तहसील के कुनीगाड़ राजस्व क्षेत्र स्थित छसियाकोट गांव में 44 वर्षीय व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। राजस्व टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग भेज दिया।छसियाकोट निवासी चतुर सिंह तीन जुलाई को गांव लौटा था और उसे होम क्वारंटाइन किया गया था।

सोमवार मध्य रात्रि चतुर सिंह ने घर के दूसरे कमरों में सोए स्वजनों को जहर का सेवन करने की बात दरवाजा खटखटाते हुए बताई और स्वयं बेहोश हो गया। इस पर घर में कोहराम मच गया और स्वजनों ने उसे होश में लाने के प्रयास किए। साथ ही आकस्मिक सेवा वाहन 108 को मदद के लिए बुलाया गया। लेकिन, 108 वाहन आने से पूर्व ही उसकी मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि युवक इससे पूर्व देहरादून व हरिद्वार में प्राइवेट नौकरी करता था। ग्राम प्रधान लीलाधर जोशी ने सुबह एसडीएम गैरसैंण कौस्तुभ मिश्र को सूचना दी। नायब तहसीलदार राकेश पल्लव ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चल सकेगा।

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