सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पुस्तक भेंट की

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लखनऊ,  उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल और प्रदेश भाजपा संगठन में फेरबदल की अटकलों के बीच गुरुवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। राजभवन ने भले ही मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है, लेकिन दोनों के मिलने से एक बार फिर मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए अहम कदमों के बारे में विस्तार से बताया।

उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल का दायित्व निभा रहीं आनंदीबेन पटेल बीती 10 मई को यहां से भोपाल गईं थीं। 17 दिनों बाद गुरुवार सुबह उन्होंने लखनऊ वापसी की। कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के मद्देनजर इन दिनों जिलों का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार शाम को लखनऊ आने के बाद सात बजे राजभवन पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्री विष्णु और उनके अवतार पुस्तक राज्यपाल को भेंट की। वह लगभग 40 मिनट राजभवन में रहे। राजभवन के प्रवक्ता ने दोनों की मुलाकात को शिष्टाचार भेंट ही बताया।

मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए उनके सभी मंडलों के साथ ही ज्यादातर जिलों का दौरा करने और सरकार के प्रभावी इंतजाम के बारे में राज्यपाल को विस्तार से बताया। हालांकि, राज्यपाल की लखनऊ वापसी और शाम को उनसे मुख्यमंत्री की मुलाकात को लेकर दिनभर मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन सूत्रों का स्पष्ट तौर कहना है कि मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।

दरअसल, इससे पहले पिछले महीने 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री की राज्यपाल से भेंट हुई थी। वैसे आम तौर पर दोनों के बीच प्रतिमाह एक से दो मुलाकात होती रहती है, लेकिन पिछले माह मुख्यमंत्री जहां पहले कोरोना संक्रमित हो गए और फिर प्रदेश के दौरों में व्यस्त रहे, वहीं राज्यपाल भी 10 मई से मध्य प्रदेश में थीं। ऐसे में लगभग डेढ़ माह बाद गुरुवार को दोनों की मुलाकात हुई। राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्यपाल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही गुरुवार को मध्य प्रदेश से लखनऊ आई हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक के बाद से ही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल और प्रदेश भाजपा संगठन में फेरबदल की चर्चा जोरों पर है। फेरबदल को लेकर तमाम कयासों के केंद्र में मोदी के करीबी अरविंद शर्मा हैं। नौकरशाही छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद जिस तरह उन्हें एमएलसी बनाया गया, उससे यही चर्चा चारों तरफ है कि उन्हें योगी मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम बनाकर अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके साथ ही मंत्रियों के रिक्त पदों को भरने को लेकर पार्टी संगठन में भी फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं।

सूत्रों का कहना है कि दो-चार दिन में तो कुछ नहीं होने जा रहा है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कम होने की दशा में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। विदित हो कि 19 मार्च, 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त, 2019 को योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण से तीन मंत्रियों के निधन के बाद से कुल छह पद रिक्त हैं।

दूसरी बार मंत्रिमंडल का होगा विस्तार: प्रदेश में 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। इसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण से तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। चेतन चौहान और कमला रानी वरुण के बाद हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप का निधन हो गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में छह स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद तीन नए चेहरों के साथ राज्यमंत्री को मिलाकर 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और 11 विधायक को राज्य मंत्रियों को उत्तर प्रदेश सरकार में जगह दी गई थी।

प्रदेश सरकार में छह मंत्रियों की जगह खाली: योगी आदित्यनाथ सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा समय में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं। इस तरह से यूपी सरकार में फिलहाल 54 मंत्री हैं। अभी भी इस सरकार में छह मंत्रियों के पद खाली हैं। चुनावी वर्ष 2022 के नजदीक होने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार में कुछ नए लोगों को शामिल कर सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकते हैं।

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