अतिक्रमणकारी चुनाव लड़ने के अयोग्य, अवैध निर्माण पर कैंट बोर्ड लाचार

उत्तराखण्ड

देहरादून: सार्वजनिक सड़क, पटरी, नदी-नालों आदि पर अतिक्रमण करने वाले निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश से अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा निर्माण शुरू करने वालों के खिलाफ कैंट बोर्ड लाचार दिख रहा है।

अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त प्रावधान हैं। ऐसे लोग चुनाव लड़ने के भी पात्र नहीं हैं। नगर निकायों में 19 तरह की अयोग्यताएं हैं, जिसके दायरे में आने वाले अभ्यर्थी चुनाव लड़ने के पात्र नहीं माने जाते हैं।

आरटीआइ कार्यकर्ता अधिवक्ता नदीमउद्दीन ने बताया कि ऐसी 19 तरह की अयोग्यताओं को लेकर उन्होंने ‘नगर निगम चुनाव कानून’ नामक पुस्तक लिखी है। यह उनकी विभिन्न विषयों को मिलाकर 42वीं पुस्तक है।
कैंट बोर्ड सीईओ ने अब एसीएस को लिखा पत्र

जनप्रतिनिधियों की शह और पुलिस-प्रशासन के निगाह फेरने के बाद प्रेमनगर में अतिक्रमणकारी बेखौफ हो गए हैं। राजमार्ग के जिन हिस्सों से प्रशासन ने बीते दिनों अतिक्रमण हटाया था, वहीं पर दोबारा निर्माण शुरू कर दिया गया है।

कैंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) जाकिर हुसैन ने इस मामले में 21 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा था। जब इस पर कोई कार्रवाई नहीं की हुई तो अब सीईओ ने अपर मुख्य सचिव (एसीएस) ओम प्रकाश को भी पत्र लिखकर हालात से अवगत कराया है।

पत्र में सीईओ ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर हटाए गए अतिक्रमण के बाद इस दिशा में अनदेखी की जा रही है। उन्होंने अपने स्तर पर भी दोबारा हो रहे अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया, मगर उन्हें समुचित पुलिस बल नहीं मिल पाया। यदि अतिक्रमण के प्रति इसी तरह अनदेखी की जाती रही तो हालात पहले की तरह हो जाएंगे और यह कोर्ट की अवमानना भी होगी। उन्होंने मांग की कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए।

सुरक्षा दीवार निर्माण को डीएम को पत्र

सीईओ जाकिर हुसैन ने एक पत्र जिलाधिकारी को भी भेजा, जिसमें उन्होंने ढालदार क्षेत्र में सुरक्षा दीवार का निर्माण कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कई भवनों का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है और ढाल पर किए गए कटान के कारण वह कभी भी नीचे खिसक सकते हैं।

मोहलत बेकार, पिलर भी खिसकाए

कुछ लोगों ने अपना अतिक्रमण ध्वस्त करने के लिए प्रशासन से दो दिन की मोहलत मांगी थी। अब प्रशासन के आंखे मूंदने के बाद ऐसे लोगों की पौ बारह हो गई है। वहीं, मौका पाकर कुछ लोगों ने पिलर भी खिसका लिए हैं।

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