उत्तराखंड से पलायन रोकने में नाकाम रही बीजेपी और कांग्रेस की सरकारें : भावना पांडे

उत्तराखण्ड राजनीतिक

देहरादून। उत्तराखंड में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन अपने पूरे कार्यकाल के दौरान प्रदेश की भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। पिछले 5 सालों में लगातार राज्य के बेरोजगार युवा और महिलाएं रोजगार की मांग करते हुए सड़कों पर आंदोलन करते रहे मगर सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली। ये कहना है जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का।

विधानसभा चुनाव के सियासी समर में बीजेपी और कांग्रेस को घेरते हुए जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने इन दोनों दलों पर बड़ा हमला बोला है। बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों की सरकारें उत्तराखंड से बेरोजगारी हटाने में पूरी तरह फेल साबित हुई हैं।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड की जनता हमेशा बस बीजेपी और कांग्रेस पर ही दाव खेलती आई है और बार-बार इन्हीं मतलबी दलों के हाथों छली गई है। जनता हर बार इसी उम्मीद से इन पार्टियों के प्रत्याशियों को वोट देती रही कि इस बार उनके दुखों का अंत होगा और नई सरकार उनके कष्टों को मिटाएगी। मगर उनकी ये इच्छा पिछले 21 वर्षों से आजतक पूरी नहीं हुई।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि वे उत्तराखंड की आंदोलनकारी बेटी हैं। राज्य की जनता ने पृथक उत्तराखंड राज्य इसलिए लिया था कि यहाँ से बेरोजगारी दूर होगी और पलायन रुकेगा किन्तु उत्तराखंड से पलायन रोकने में एवँ यहाँ के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सरकारें नाकाम रही।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने आगे कहा कि अब एक बार फ़िर उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इन दोनों पार्टियों के दलबदलू नेता राज्य की जनता के बीच जाकर लोगों को रोजगार देने जैसे तमाम सब्ज़बाग दिखा रहे हैं, मगर परिणाम सभी को पता है। उन्होंने उत्तराखंड की जागरूक जनता से अपील करते हुए कहा कि इस बार इन दलों के बहकावे में न आकर, अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए मतदान करें।

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