गर्मी शुरू होते ही हांफने लगे जलसंस्थान के ट्यूबवेल, राजधानी में पेयजल किल्लत

उत्तराखण्ड

देहरादून। गर्मी शुरू होते ही जलसंस्थान के ट्यूबवेल हॉफने लगे हैं। कहीं वाटर लेबल कम होने से समस्या उत्पन्न हो रही है, तो कहीं मोटर फुंकने के कारण ट्यूबवेलों का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके इतर एक-दो ट्यूबवेल ऐसे भी हैं, जो गंदा पानी उगल रहे हैं। इससे लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

दून में पानी की अधिकांश आपूर्ति ट्यूबवेल के भरोसे हैं। वर्तमान में दून के चारों जोन में करीब 269 ट्यूबवेल हैं और 116 ओवरहेड टैंक हैं। इन्हीं ट्यूबवेल से दून की करीब दस लाख जनसंख्या को पानी की आपूर्ति होती है। जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है। जलसंस्थान के यह ट्यूबवेल भी हांफने लगे हैं।

दरअसल, दून में जितने भी ट्यूबवेल हैं, वह काफी बूढ़े हो चुके हैं। अधिकांश ट्यूबवेल के संचालन के लिए जो मोटरें लगाई गई है, वह भी सालों पुरानी हैं। लिहाजा, गर्मी में एक तो वाटर लेबल नीचे जाने के कारण मोटरें जबाब देने लगी है, वहीं बिजली की लो और हाई बोल्टेज के कारण भी मोटर फुंकने से ट्यूबवेलों के संचालन में दिक्कत आनी शुरू हो गई है।

दून में एकाध टयूबवेल ऐसे भी हैं, जो गंदा पानी छोड़ रहे हैं। भरी गर्मी में ट्यूबवेलों के हांफने का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, और उन्हें पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बावजूद इसके जलसंस्थान उदासीन बना हुआ है। न तो नए मोटरों की खरीद हो रही है और न ही ट्यूबवेलों की मरम्मत करा रहा है।

पुरानी मोटर बदलने के हो रहे हैं प्रयास 

जल संस्थान की महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग के मुताबिक, नवादा क्षेत्र के साथ ही सिरमौर के ट्यूबवेल में भूजल का लेबल कम होने से ट्यूबवेल के संचालन में दिक्कत आ रही है। इसके साथ ही मोटर फूंकने के कारण ट्यूबवेल का संचालन प्रभावित हो रहा है। जो मोटरें काफी पुरानी हो चुकी हैं, उन्हें बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

 

मेहूंवाला क्षेत्र में पानी को हाहाकार

ऊर्जा निगम की लापरवाही के कारण मेहूंवाला क्षेत्र में लोगों को घंटों पानी की किल्लत से जूझना पड़ा। शाम के समय बिजली आने के बाद ही यहां पानी की आपूर्ति सुचारु हो चुकी।

दरअसल, जलसंस्थान के मेहूंवाला स्थित मिनी ट्यूबवेल ने सुबह अचानक काम करना बंद कर दिया। शिकायत के बाद जब जल संस्थान के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो पता चला कि ट्यूबवेल में बिजली का एक फेज नहीं आ रहा था, जिससे मोटर नहीं चल पा रही थी।

जल संस्थान के कर्मचारियों ने ऊर्जा निगम को फोन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। काफी कहने के बाद भी निगम ने जलसंस्थान के अधिकारियों की नहीं सुनी और बाद में दूसरे फेज पर बिजली शुरू की गई। निगम की इस लापरवाही के कारण मेहूंवाला क्षेत्र के लोगों को सुबह से शाम तक पेयजल की दिक्कत से जूझना पड़ा। संबंधित क्षेत्र के जेई केसी बुधानी ने बताया कि शाम छह बजे बिजली आने के बाद क्षेत्र में पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गई।

निरंजनपुर में ट्यूबवेल उगल रहा गंदा पानी

निरंजनपुर स्थित जलसंस्थान का ट्यूबवेल नंबर एक गंदा पानी उगल रहा है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जल संस्थान का दावा है कि क्षेत्र में अन्य ट्यूबवेल से साफ पानी की आपूर्ति की जा रही है।

जलसंस्थान के दक्षिण जोन के निरंजनपुर में कई दिनों से ट्यूबवेल नंबर एक गंदा पानी उगल रहा है। ट्यूबवेल शुरू होते ही उससे गंदा पानी निकल रहा है। महाप्रबंधक जल संस्थान नीलिमा गर्ग ने बताया कि ट्यूबवेल की जांच कराई जा रही है। हो सकता है कि यहां पानी का लेबल नीचे चला गया होगा। इसलिए यहां अतिरिक्त पाइप लगाने की व्यवस्था की जाएगी। बताया कि क्षेत्र के लोगों को अन्य ट्यूबवेल से साफ पानी की आपूर्ति की जा रही है।

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