होटल की पार्किंग में एसी और पंखे, 88 अतिक्रमण किए ध्वस्त

उत्तराखण्ड

देहरादून: सहारनपुर चौक के समीप होटल नरूलाज की पार्किंग में एसी-पंखें और छत पर पीओपी देख प्रशासन के अफसर भी हैरान रह गए। होटल संचालक ने प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए कुछ दोपहिया वाहन भी खड़े कराए थे। लेकिन, यह समझते देर नहीं लगी कि यह कोई शानदार पार्किंग नहीं है, बल्कि बेसमेंट का इस्तेमाल पार्टी हॉल के लिए किया जा रहा है। इसके बाद होटल को सील कर दिया गया।

शहर में इन दिनों अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत अतिक्रमण, नक्शे के मुताबिक भवनों का प्रयोग न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। सहारनपुर रोड स्थित एसडीएम प्रत्यूष सिंह के सामने होटल मालिक ने कई तर्क दिए, लेकिन उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि हाइकोर्ट के आदेश से ऊपर किसी का आदेश है तो बताइए, वरना टाइम बर्बाद न करें।

इसके बाद भी वह कभी दो घंटे तो कभी चार घंटे का वक्त मांगते रहे। कभी कह रहे थे कि होटल में कई कमरों में गेस्ट ठहरे हैं तो कभी कुछ। प्रशासन ने रजिस्टर चेक किए तो एक ही कमरे में एक परिवार रुका था। उनसे भी तत्काल कमरा खाली कराया गया। इसका परिवार ने भी विरोध किया, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें पूरा मामला बताया। इसके बाद एमडीडीए कर्मचारियों ने होटल को सील कर दिया। होटल संचालक होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से लेकर सत्ताधारी नेताओं को फोन करते रहे, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया।

नक्शे घरेलू के पास, चल रही थी व्यावसायिक गतिविधि 

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान निरंजनपुर मंडी से सहारनपुर चौक तक चार बड़ी-बड़ी दुकानों को भी सील किया। होटल नरूलाज के बगल में एक कांप्लेक्स में फर्नीचर की दुकान थी। एसडीएम ने एमडीडीए कर्मचारियों से दस्तावेज मंगाए तो सामने आया कि नक्शे में पार्किंग थी, लेकिन बनाई ही नहीं गई थी। इसके बाद इसे सील कर दिया।

लालपुल के पास तीन भवनों का नक्शा घरेलू में पास था, लेकिन इनमें फर्नीचर, इलेक्ट्रिकल की दुकान और एक ट्रेडर्स का दफ्तर चल रहा था। इन्हें भी सील किया गया।

शहर में 88 अतिक्रमण किए ध्वस्त, 199 नए चिह्नित

हाईकोर्ट के आदेश पर दूसरे दिन भी अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी रही। इस दौरान दो जोन में 88 अतिक्रमण ध्वस्त और 199 नए चिह्नित किए गए। राजपुर और चकराता रोड के चिह्नित अतिक्रमण पर सोमवार के बाद डोजर चलाया जाएगा।

इधर, कार्रवाई के दौरान शहर में छह प्रतिष्ठान एमडीडीए ने सील किए। राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है। शुक्रवार को प्रशासन ने नेहरू कॉलोनी चौराहे से धर्मपुर चौक के बीच जोन चार में चिह्नित 57 अतिक्रमण डोजर चलाकर ध्वस्त किए।

यहां दूसरी टीम ने 44 नए अतिक्रमण चिह्नित किए हैं। जिसमें बड़े होटल, वेडिंग प्वाइंट, मॉल और दुकानों की बाउंड्री से लेकर परिसर तक डोजर ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इसके अलावा सहारनपुर चौक से लालपुल के बीच सहारनपुर रोड पर 31 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। साथ ही चिह्नीकरण की कार्रवाई के दौरान 50 नए अतिक्रमणों पर लाल निशान लगाए गए।

जोन एक राजपुर रोड में 39 और चकराता रोड में 66 नए अतिक्रमण चिह्नित किए गए। अब तक चिह्नित अतिक्रमण की संख्या 513 पहुंच गई है। जबकि ध्वस्तीकरण की संख्या 159 पहुंच गई है। हरिद्वार रोड पर नियम के विरुद्ध बनाए गए एक और सहारनपुर रोड पर पांच प्रतिष्ठान सील किए गए।

इधर, संसाधन और टीम कम होने के कारण राजपुर और चकराता रोड में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अभी शुरू नहीं हो पाई है। हरिद्वार और सहारनपुर रोड में कार्रवाई के बाद यहां सोमवार से ध्वस्तीकरण किया जा सकेगा।

सड़क की चौड़ाई से लेकर नक्शे पर उलझे अफसर 

हरिद्वार रोड पर अतिक्रमण हटाने को पहुंची टीम मानकों को लेकर उलझी हुई दिखी। सड़क की चौड़ाई, नाली और फुटपाथ, सरकारी जमीन का नक्शा और दस्तावेज जैसे सवालों के जवाब टीम मौके पर नहीं दे पाई।

एमडीडीए, राजस्व, लोनिवि और नगर निगम की टीम के सदस्य टास्क फोर्स में शामिल हैं। मगर, नियम क्या है, इसका जवाब कोई नहीं दे पाया। पूर्व डीजीपी पीडी रतूड़ी ने कहा कि सड़क की चौड़ाई से लेकर नाली और दूसरे नियम स्पष्ट नहीं है। अतिक्रमण हटाने का वह स्वागत करते हैं। मगर, यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि सड़क की वास्तविक चौड़ाई कितनी है। नगर निगम और एमडीडीए के नक्शों में अतिक्रमण की जमीन क्या है।

उन्होंने कहा कि अभी तक बिना प्लानिंग के अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसमें सिर्फ हाईकोर्ट का आदेश का हवाला देना गलत है। वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि बिना नक्शा दिखाए और लोगों की बात सुने अतिक्रमण के नाम पर डोजर चलाना गलत है। इसके खिलाफ वह कोर्ट जाएंगे। इसी तरह दूसरे लोगों ने भी टीम में शामिल अफसरों के पास नियमों की जानकारी न होने की बात कही।

लोनिवि भी स्पष्ट नहीं 

सड़क की चौड़ाई को लेकर लोनिवि ने पहले 20 मीटर, फिर 18 और अब 16 मीटर चौड़ाई की बात कही जा रही है। लोगों के पास 1982 के जो नक्शा पास हैं, उनमें सड़क की चौड़ाई 16 मीटर है। ऐसे में लोनिवि भी अपनी सड़क की चौड़ाई को लेकर स्पष्ट नहीं है। जिससे संशय की स्थिति बनी हुई है।

ये हटाए गए प्रमुख अतिक्रमण 

-चंचल स्वीट शॉप की पार्किंग

-आहूजा स्वीट शॉप की पार्किंग

-लक्ष्मी टावर की बाउंड्रीवाल

-डॉ. अंजली रावत फर्श व टीनशेड

-एलआइसी की बाउंड्रीवाल

-होटल शिवालिक की बाउंड्रीवाल

-शाह एसोसिएट का फर्श व बाउंड्रीवाल

-आर्चिड बैंक्विट टहॉल की बाउंड्रीवाल

-आनंद वॉच हाउस की छत व बाउंड्री

-हिम पैलेस होटल की बाउंड्रीवाल

-अमित ओबराय की बाउंड्रीवाल

-हिमांशू रतूड़ी की बाउंड्रीवाल

-पूर्व डीजीपी पीडी रतूड़ी की बाउंड्रीवाल

-स्टेट बैंक की बाउंड्रीवाल

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