नोएडा का ‘अंधविश्वास’ तोड़ेंगे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तरप्रदेश उत्तराखण्ड राजनीतिक

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के मौके पर पीएम मोदी 25 दिसंबर को नोएडा से दक्षिण दिल्ली को जोड़ने वाली मजेंटा लाइन मेट्रो का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। जबकि इससे पहले तैयारियों का जायजा लेने सीएम योगी 23 दिसंबर को भी नोएडा जाएंगे और नोएडा से जुड़े एक मिथक को तोड़ेंगे।

-दरअसल, एक अन्धविश्वास के चलते पिछले 29 सालों में यूपी के सीएम नोएडा जाने से परहेज करते हैं। अगर योगी आदित्यनाथ नोएडा जाते हैं तो वह पहले ऐसे सीएम होंगे जो इस मिथ को तोड़ेंगे।

क्या है नोएडा का अंधविश्वास?

-नोएडा के बारे में कहा जाता है, जब भी प्रदेश का कोई सीएम यहां आया, वह दोबारा सत्ता में नहीं लौटा।
-पिछले 29 सालों से अंधविश्वास की यही धारणा चली आ रही है।
-मायावती ने साल 2011 में यह अंधविश्वास तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह 2012 के चुनाव में वापस सत्ता में नहीं आईं।
-इससे पहले कई सीएम वहां गए और अपनी कुर्सी गंवा बैठे, जिसमें वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह का नाम शामिल है।
-आपको बता दे कि 1988 में कांग्रेस के सीएम वीर बहादुर सिंह ने नोएडा गए थे लेकिन उसके बाद उन्हे अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।

क्यों योगी तोड़ेंगे अन्धविश्वास

-सीएम योगी नाथ सम्प्रदाय से हैं। माना जाता है कि संत समाज किसी भी आडम्बर से दूर रहता है और अंधविश्वास को नहीं मानता है। यही वजह है कि वह अब इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए नोएडा का रुख करेंगे।

गठन के समय थी वृश्चिक राशि

-ज्योतिष राहुल अग्रवाल के अनुसार- “अगर नोएडा के स्थापना दिवस 17 अप्रैल, 1976 को उसका जन्म मानकर गणना करें तो पता चलता है कि उस दिन गोचर में वृश्चिक राशि उदित हो रही थी।
-नोएडा की नाम राशि भी वृश्चिक ही है।
-इसी तिथि को आधार मानकर गणना करने पर पता चलता है कि नोएडा गठन के समय सत्ता सुख का कारक ग्रह सूर्य केतू के साथ ग्रहण योग बनाकर छठें भाव में था।
-छठा घर पतन का भी घर होता है।
-यहां पर सूर्य का केतू के साथ होना और राहु की पड़ रही सप्तम दृष्टि के अलावा दूसरे शत्रु ग्रह शनि की दशम दृष्टि भी शासन के ग्रह सूर्य को बिल्‍कुल कमजोर कर रही है।

अखिलेश ने कहा था, नोएडा जाकर तोड़ूंगा अंधविश्वास
-यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अप्रैल 2015 में लखनऊ स्थित अपने आवास से नोएडा स्थित एक निजी यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया था। इस मौके पर उन्‍होंने कहा था, तमाम अंधविश्वासों के चलते नोएडा जाने पर पाबंदी है। इसलिए लखनऊ से ही यूनिवर्सिटी की आधारशिला रख रहा हूं। पुराने लोगों ने इस तरह का अंधविश्वास फैलाया है, लेकिन मैं जल्द ही नोएडा जाकर इस अंधविश्वास को तोड़ूंगा।

राजनाथ सिंह ने भी किया था दिल्ली से उद्घाटन

-नोएडा अंधविश्वास के टोटके का असर राजनाथ सिंह पर भी दिखा था। सीएम रहते हुए उन्‍होंने नोएडा में बने फ्लाईओवर का उद्घाटन दिल्ली से किया था। यही नहीं, बड़े दबाव के बाद भी निठारी कांड में मुलायम सिंह यादव अपनी पिछली सरकार में नोएडा नहीं गए थे।
-1999 में तत्कालीन सीएम राम प्रकाश गुप्ता जब नोएडा गए, फिर दोबारा सीएम नहीं बन सके।

क्या कहना है बीजेपी का

-भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा- “हमारी पार्टी काम करने में विश्वास करती है। पुराणों को मानती है, किसी प्रकार के अंधविश्वास पर नहीं चलती है। जिन्होंने काम नहीं किया वो वहां कभी नहीं गए। हमारे सीएम काम कर रहे हैं, वो काम दिख रहा है। इसीलिए हमें किसी प्रकार का कोई डर नहीं है।”

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