दिल्ली में शुक्रवार मध्य रात्रि (12 बजे) से प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए टोल टैक्स नकद देने पर दोगुना भुगतान करना होगा। यह इसलिए, क्योंकि दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी व्यावसायिक वाहनों के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) टैग अनिवार्य कर दिया गया है। टैग होने के साथ संबंधित खाते में पर्याप्त रिचार्ज राशि भी होना अनिवार्य है। अगर पर्याप्त राशि नहीं होगी तो कैश देने पर दोगुना टोल टैक्स देना होगा। साथ ही पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी दोगुना चुकाना होगा।
रिचार्ज कराने लगे वाहन चालक
शुक्रवार की मध्यरात्रि से लागू होने जा रही इस टोल व्यवस्था को ध्यान में रखकर बृहस्पतिवार को शाम पांच बजे तक 1900 लोगों ने अपने टैग को रिचार्ज करा लिया। इससे लोगों के टैग खाते में कुल 32 लाख रुपये जमा हुए। नगर निगम को उम्मीद है कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार को यह संख्या बढ़ेगी। हालांकि, 3.50 लाख व्यावसायिक वाहन चालकों ने आरएफआइडी टैग प्राप्त कर लिया है, लेकिन इनमें से काफी कम लोगों ने रिचार्ज कराया है।
शुल्क न होने पर जमा कराने होंगे दस्तावेज: निगम के अनुसार, अगर टोल नाके पर व्यावसायिक वाहन चालक टैग से शुल्क नहीं अदा करते हैं तो नकद शुल्क चुकाने पर दोगुना टैक्स देना होगा। जो व्यक्ति नकद शुल्क नहीं दे पाएगा, उसे गाड़ी के मूल दस्तावेज जमा कराने होंगे। इसके बाद प्रवेश दिया जाएगा।
इन टोल नाकों पर लगाया गया है आरएफआइडी
आया नगर, टिकरी, कापसहेड़ा, बदरपुर फरीदाबाद मेन, बदरपुर सराय, शाहदरा फ्लाईओवर, डीएनडी फ्लाईओवर, रजोकरी, कुंडली, गाजीपुर मेन, गाजीपुर ओल्ड, केजीटी कुंडली।
ऐसे करा सकते हैं रिचार्ज
अगर आरएफआइडी खाते को रिचार्ज नहीं कराया है, तो उसे तीन तरीके रिचार्ज कराया जा सकता है। पहला, निगम द्वारा जारी एमसीडी टोल मोबाइल एप के जरिये रिचार्ज किया जा सकता है। दूसरा, निगम द्वारा जारी वेबसाइट पर भी रिचार्ज कराया जा सकता है। तीसरा, 29 पीओएस सेंटरों पर जाकर भी रिचार्ज करा सकते है। सभी पीओएस सेंटर की सूची व रिचार्ज कराने का तरीका वेबसाइट पर उपलब्ध है।
आरएफआइडी अनिवार्य करने के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश के लिए आरएफआइडी टैग लागू किए जाने के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने बृहस्पतिवार को माता सुंदरी कॉलेज के पास प्रदर्शन किया। साथ ही सिविक सेंटर में निगम को ज्ञापन सौंपा। ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि पहले सभी वाहनों को आरएफआइडी टैग लगाने का समय दिया जाए। उसके बाद इसे लागू किया जाए। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि निगम जिद की वजह से इस व्यवस्था को लागू कर रहा है। दिल्ली का व्यक्ति जब गाड़ी खरीदता है तो पहले ही वह टैक्स देता है, लेकिन दिल्ली में प्रवेश करने पर यहीं के ही व्यावसायिक वाहनों से टोल लिया जाता है। इतना ही नहीं, दिल्ली की गाड़ियों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी लिया जा रहा है। इसे बंद किया जाना चाहिए।