उत्तराखंड में कोरोना के मरीजों का बोझ कम होने लगा, मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या चार गुणा पहुंच गई

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में कोरोना के मरीजों का बोझ कम होने लगा है। सक्रिय मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या तकरीबन चार गुणा पहुंच गई है। ताजा रिपोर्ट में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 45 नए मामले आए हैं। वहीं, इसके ढाई गुणा अधिक 120 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए।

प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के 2881 मामले आए हैं। इनमें 2231 यानि 77.44 फीसदी स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में 582 मरीज भर्ती हैं। कोरोना संक्रमित 27 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। वहीं, 41 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। जिनमें दो मौत मंगलवार को पटेलनगर स्थित एक निजी अस्पताल से रिपोर्ट हुई हैं। इनमें 22 वर्षीय एक युवती व 63 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत रात को 1197 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें 45 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऊधमसिंहनगर में सबसे अधिक 28 संक्रमित मिले हैं। इनमें एक स्वास्थ्य कर्मी भी है। चार लोग ऐसे हैं जो पूर्व में संक्रमित पाए गए मरीज के संपर्क में आए हुए हैं। अन्य दिल्ली, पंजाब, नोएडा, हरियाणा व महाराष्ट्र से वापस लौटे हैं।

देहरादून में सेना के जवान सहित छह और लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। सैन्य कर्मी कुछ दिन पहले राजस्थान से लौटा है। बागेश्वर व उत्तरकाशी में भी दो- नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा चमोली, चंपावत व पौड़ी में एक-एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया।

संक्रमण के लिहाज से अनलॉक 2.0 के शुरुआती दिन अहम

उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक के 108 दिन बीत गए हैं। इस दौरान संक्रमित मरीजों का आंकड़ा जहां तीन हजार के करीब पहुंचने को है, वहीं 41 की मौत भी हो चुकी है। राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमित कुल मरीजों में से 77 फीसद ठीक हो चुके हैं। आज से अनलॉक का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। ऐसे में कुछ चीजों पर लगी पाबंदियां भी हटी हैं।

मसलन होटल-रेस्तरां खुल रहे हैं और बाजार/दुकानें भी रात आठ बजे तक खुली रहेंगी। ऐसे में कोरोना का संक्रमण और बढ़ने की आशंका है। बहरहाल, शारीरिक दूरी व सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का सख्ती से पालन कराने के लिए सरकारी मशीनरी सक्रिय है।

जानकार भी इस बात में इत्तेफाक रखते हैं कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लिहाज से जुलाई के शुरुआती दिन अहम होंगे। इस दौरान संक्रमण का घटता अथवा बढ़ता ग्राफ इस बात का संकेत देगा कि उत्तराखंड में आखिर कब तक कोरोना का संकट बना रह सकता है। कोरोना के अलावा डेंगू का खतरा भी सामने खड़ा है। ऐसे में बरसात के इस मौसम में सिस्टम को भी एक साथ दो-दो चुनौतियों से लड़ना पड़ सकता है।

इधर, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग जांच का दायरा लगातार बढ़ा रहा है। इसके पीछे उद्देश्य यह कि संक्रमित मरीजों की जल्द पहचान कर वायरस को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकना है। जबकि प्रयोगशालाओं में लगातार बैकलॉग बढ़ा हुआ है।

प्रदेश से कोरोना जांच के लिए अब तक 69 हजार से अधिक सैंपल भेजे गए हैं। जिनमें 57 हजार 862 मामलों में रिपोर्ट निगेटिव और 2881 मामलों में पॉजिटिव आई है। वहीं विभिन्न लैबों में 5709 सैंपल फिलवक्त पेंडिंग हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।

देहरादून में समाप्त हुए ये केटेनमेंट जोन 

दून: वसंत विहार के फेज दो में ट्रांसफार्मर वाली लगी और खुड़बुड़ा मोहल्ले का इलाका।

विकासनगर: हड़ोवाला में अशोक आश्रम के पास बाड़वाला का इलाका व पसौरी गांव में वार्ड-8 का क्षेत्र।

स्वास्थ्य कर्मियों की पीठ थपथपाई

कोरोना संक्रमण के खिलाफ छिड़ी जंग में अग्रिम मोर्चे पर डटे चिकित्सकों, नर्सो व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यो की सराहना राज्य मंत्रिमंडल ने भी की है। कोरोनाकाल के दौरान फ्रंटलाइन के इन कर्मवीरों के अस्पतालों से लेकर सैंपलिंग, क्वारंटाइन सेंटर व होम क्वारंटाइन आदि से जुड़े कार्यो से राज्य सरकार गद्गद है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने पत्र लिखकर स्वास्थ्य महानिदेशक को दी है।

इसके बाद स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के निदेशक, सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक व स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य को पत्र भेजा है। कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने बेहतरीन काम किया है। इसीलिए संक्रमण काफी हद तक नियंत्रण में है। इसके लिए सरकार ने उनकी सराहना की है।

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