घाटी में सेना ने तोड़ी आतंक की कमर,जाकिर मूसा के गिरोह का खात्‍मा

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सेना ने कश्मीर घाटी में आतंकियों की कमर तोड़ दी है। सेना के शीर्ष सूत्रों का दावा किया कि घाटी में जाकिर मूसा के गिरोह का समूल खात्‍मा कर दिया गया है। सुरक्षाबलों ने मंगलवार को जाकिर मूसा गिरोह के अंतिम सरगना अब्दुल हमीद ललहारी को मार गिराया। उसके साथ दो अन्‍य आतंकी भी मारे गए हैं जिनकी पहचान नावीद टाक और जुनैद भट के तौर पर हुई है। बता दें कि जाकिर मूसा अंसार गजवात उल हिंद आतंकी संगठन का मुखिया था, जिसकी मौत के बाद अब्दुल हमीद ललहारी ने कमान संभाल ली थी।

सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया है। ये आतंकी दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों और पंच-सरपंचों को डरा-धमका रहे थे। राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम दिया। राज्य पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि ये आतंकी अगस्त में त्राल के ऊपरी क्षेत्र में गुज्जर समुदाय के दो लोगों को अगवा करके मौत के घाट उतारने में शामिल थे।

अब इनका नंबर 

डोडा जिला पुलिस ने दो आतंकियों की तस्‍वीर जारी की है। पुलिस ने इन आतंकियों की जानकारी देने वालों को 15 लाख रुपये इनाम देने की भी घोषणा की है।

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, पुलिस को मंगलवार दोपहर को सूचना मिली थी कि जैश के तीन आतंकी त्राल के राजपोरा में काजीनाग आए हैं। इसके बाद दोपहर तीन बजे आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ठिकाने की घेराबंदी की। जवान तलाशी लेते हुए आगे बढ़ ही रहे थे कि एक मकान में छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी और भागने की कोशिशें की। इसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। उक्‍त तीनों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।

मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में गोला बारूद के अलावा आतंकी संगठन से जुड़े कई दस्तावेज, दो अत्याधुनिक वायरलेस और जीपीएस बरामद किया गया। पांच अगस्त के बाद से घाटी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच यह छठी और दक्षिण कश्मीर में तीसरी मुठभेड़ है। इससे पहले 16 अक्टूबर को पुलवामा में तीन आतंकी मारे गए थे। सुरक्षाबलों ने 08 अक्टूबर को अवंतीपोरा के कावनी इलाके में लश्कर के उफैद और अब्बास नाम के दो आतंकियों को मार गिराया था। अन्य तीन मुठभेड़ों में से एक जिला गांदरबल में और दो उत्तरी कश्मीर के बारामुला व सोपोर में हुई थीं।

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